नवाजुद्दीन सिद्दकी आगे बताते हैं की- फ़िल्म के सेट पर थियेटर आर्टिस्ट को काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। कहा कि बॉलीवुड का नाम बदल देना चाहिए नाम हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री रखना चाहिए। शायद इसे बॉलीवुड में सुधार आ जाएगा।
नवाज़ आगे कहते हैं कि उनके पास जब फ़िल्म की स्क्रिप्ट आती है तो वो हिन्दी में नहीं बल्कि रोमन में लिखी हुई आती हैं। जिसे समझ पाना बेहद मुश्किल हो जाता हैं। इसके लिए उन्हें देवनागरी में स्टेप माँगनी पड़ती हैं। एक्टर ने कहा आप हिंदी में फ़िल्म बना रहे हो लेकिन डायरेक्टर भी असिस्टेंट भी सारे इंग्लिश में बात कर रहे हैं।
नवाजुद्दीन सिद्दकी आगे क्या कहते हैं कि जब सारे अंग्रेज़ी में बात करते हैं तो इससे असिस्टेंट के परफॉर्मेंस पे भी असर पड़ता हैं। इससे कई लोगों को आदि बात समझ में आती और आदि बात समझ में ही नहीं आती हैं। अगर हम बात साउथ की करें तो साउथ इंडस्ट्री में सभी लोग अपनी भाषा में ही बात करते हैं और अपनी भाषा पर गर्व करते हैं। लेकिन ऐसा बॉलीवुड में बिलकुल भी नहीं हैं।