उनके लाखों-करोड़ो की संख्या में उनकी फैन फॉलोइंग है. इसके अलावा आज उनके पास काम की भी कोई कमी नहीं है. इंडस्ट्री का हर फिल्म मेकर उनके साथ काम करना चाहता है, लेकिन इस स्टार ने एक समय ऐसा भी काटा था, जब यही मेकर्स उनको नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे. जी हां, नवाज ने आज के समय में अपनी जो पोजीशन बनाई है और जो दबदबा आज के समय में इंडस्ट्री में उनका है उसके पीछे उनका बेहद बड़ा और हमेशा याद रहने वाला संघर्ष है.
नवाज के लिए ये सब इतना आसान नहीं था. मुंबई में अपनी किस्मत आज़माने पहुंचे इस एक्टर ने कई सालों तक केवल रिजेक्शन ही झेला. इतना ही नहीं अपना दाना-पानी के लिए उन्होंने वॉचमैन की नौकरी की, लेकिन कभी हार नहीं मानी उन्होंने अपने हुनर पर बेहद भरोसा था. ऐसा माना जाता है कि हर बड़े एक्टर की कहानी कई छोटे किरदारों से ही बनती है. फिर ऐसा ही कुछ नवाज के साथ भी हुआ. अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए काफी कुछ बताया.
नवाज ने बताया कि ‘एक्टिंग खून में थी, मैं इससे मुंह नहीं मोड़ सकता था. मुझे याद है मैं जब भी कहीं ऑडिशन के लिए जाता मुझे कहा जाता किस एंगल से एक्टर दिखते हो. मुझे कोई और काम ढूंढना चाहिए. हीरो ऐसे दिखता है क्या? खाली-पीली वक्त बर्बाद करने चले आते हो. ऐसा मुझे कई बार सुनने को मिला. एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस बस यही सुनता और….9 से 10 साल का वक्त लग गया. फिर कुछ डायरेक्टर मिले जो रियलस्टिक मूवी बनाना चाहते थे. मुझे काम मिला’.
खास बात ये है कि उनकी फिल्में तो नहीं चली, लेकिन उनके दमदार अभिनय ने लोगों के दिलों में अपने लिए जगह बना ली. इसके बाद साल 1999 में ‘शूल’ फिल्म में वेटर और ‘सरफरोश’ फिल्म में मुखबिर के रोल से बॉलीवुड में कदम रखने वाले नवाज़ुद्दीन आज हिंदी सिनेमा की एक बेहतरीन और जबरदस्त एक्टर्स में से एक हैं. बता दें कि नवाज ने ‘तलाश’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर-1, 2’ और ‘कहानी’ जैसी फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय का जलावा दिखाया है.
इन फिल्मों के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है. इसके अलावा अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में फैज़ल खान के किरदार ने नवाज़ की ज़िंदगी को सुलझा दिया. आज के वक़्त में नवाज़ुद्दीन दुनिया के हाईएस्ट पेड एक्टर की लिस्ट में शामिल हैं और उनके पास फिल्मों की कोई कमी नहीं है.