खिलौने की फैक्ट्री में की चौकीदार की नौकरी
नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। स्कूली पढ़ाई करने के बाद ग्रेजुएशन के लिए नवाजुद्दीन हरिद्वार चले गए। उन्होंने वडोदरा में भी नौकरी की। इसके बाद उन्होंने नौएडा का रुख किया। यहां उन्होंने एक खिलौने की फैक्ट्री में चौकीदार की नौकरी की। इस बारे में खुद एक्टर ने एक इंटरव्यू में बताया था। कुछ वक्त काम करने के बाद उन्हें मालिक ने नौकरी से निकाल दिया क्योंकि उसने कई बार नवाजुद्दीन को बैठे हुए देख लिया था।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था। स्कूली पढ़ाई करने के बाद ग्रेजुएशन के लिए नवाजुद्दीन हरिद्वार चले गए। उन्होंने वडोदरा में भी नौकरी की। इसके बाद उन्होंने नौएडा का रुख किया। यहां उन्होंने एक खिलौने की फैक्ट्री में चौकीदार की नौकरी की। इस बारे में खुद एक्टर ने एक इंटरव्यू में बताया था। कुछ वक्त काम करने के बाद उन्हें मालिक ने नौकरी से निकाल दिया क्योंकि उसने कई बार नवाजुद्दीन को बैठे हुए देख लिया था।
लुक्स के कारण शुरुआत में नहीं मिले अच्छे रोल
नौकरी चले जाने पर नवाजुद्दीन दिल्ली के लिए रवाना हो गए। यहां आकर उन्होंने थिएटर करना शुरू कर दिया। उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से एक्टिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी होने के बाद नवाजुद्दीन माया नगरी मुंबई पहुंच गए, अपनी किस्मत आजमाने। करियर की शुरुआत में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। शानदार एक्टिंग होने के बावजूद लुक्स की वजह से उन्हें अच्छे रोल नहीं मिलते थे। लेकिन नवाजुद्दीन ने हार नहीं मानी। उन्होंने कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए। शूल, मुन्नाभाई एमबीबीएस, सरफरोश समेत कई फिल्में ऐसी हैं, जिनमें वह छोटे किरदार में नजर आए।
नौकरी चले जाने पर नवाजुद्दीन दिल्ली के लिए रवाना हो गए। यहां आकर उन्होंने थिएटर करना शुरू कर दिया। उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से एक्टिंग की पढ़ाई की। पढ़ाई पूरी होने के बाद नवाजुद्दीन माया नगरी मुंबई पहुंच गए, अपनी किस्मत आजमाने। करियर की शुरुआत में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। शानदार एक्टिंग होने के बावजूद लुक्स की वजह से उन्हें अच्छे रोल नहीं मिलते थे। लेकिन नवाजुद्दीन ने हार नहीं मानी। उन्होंने कई फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए। शूल, मुन्नाभाई एमबीबीएस, सरफरोश समेत कई फिल्में ऐसी हैं, जिनमें वह छोटे किरदार में नजर आए।
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से बदली किस्मत
इसके बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अनुराग कश्यप की फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ में काम करने का मौका मिला। फिल्म ‘कहानी’ में भी उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया। लेकिन उनकी किस्मत बदली साल 2012 में रिलीज हुई फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने। इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को वो सफलता दिलाई, जिसके वो हकदार थे। इस फिल्म के बाद हर कोई उन्हें जानने लग गया। फिल्म में उनके फैजल किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया। इस फिल्म के बाद नवाजुद्दीन ने ‘किक’, ‘रमन राघव 2.0’, ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’, ‘सेक्रेड गेम्स’ और ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी फिल्मों में काम किया।
इसके बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अनुराग कश्यप की फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ में काम करने का मौका मिला। फिल्म ‘कहानी’ में भी उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया गया। लेकिन उनकी किस्मत बदली साल 2012 में रिलीज हुई फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने। इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को वो सफलता दिलाई, जिसके वो हकदार थे। इस फिल्म के बाद हर कोई उन्हें जानने लग गया। फिल्म में उनके फैजल किरदार को लोगों ने काफी पसंद किया। इस फिल्म के बाद नवाजुद्दीन ने ‘किक’, ‘रमन राघव 2.0’, ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’, ‘सेक्रेड गेम्स’ और ‘बजरंगी भाईजान’ जैसी फिल्मों में काम किया।