सरनेम में लगाया वाजिद
तबला वादक रहे शराफत अली खान के दोनों बेटे साजिद और वाजिद ने मिलकर कई यादगार गाने कम्पोज किए, इनमें ‘सोनी दे नखरे’, ‘माशाल्लाह’, ‘हुड हुड दबंग’ जैसे गाने शामिल हैं। हाल ही टाइम्स आफ इंडिया से बातचीत में साजिद ने बताया कि वे नहीं चाहते कि लोग उन्हें सिर्फ साजिद नाम से बुलाएं। इसलिए साजिद के नाम को सरनेम की तरह अपना लिया है। इस तरह, अब भी उनका नाम साजिद वाजिद रहेगा। इससे उनके भाई की याद हमेशा उनके साथ जुड़ी रहेगी। साजिद का कहना है कि अब वह ऐसे गाने बनाने लगे हैं जो उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था। उनका मानना है कि ऐसा करते समय वाजिद उनके साथ ही रहे होंगे।
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सलमान ने किया सपोर्ट
साजिद ने इस दौरान अभिनेता सलमान खान को लेकर भी बातचीत की। उनहोंने कहा,’ जब मैंने उसे खो दिया, मैंने सलमान भाई से कहा कि जब मेरे में कुछ करने की आग नहीं बचेगी तो मैं आपको बता दूंगा कि मेरी तरफ से अब हो गया। सलमान मेरे लिए बहुत सर्पोटिव रहे हैं और उन्होंने मुझे मेरे कठिन समय में देखा है। आज जो मैं आत्मविश्वास और अपने में जो आग महसूस करता हूं, वह और ज्यादा जल रही है।’ अपनी बात खत्म करते हुए साजिद ने कहा कि उनके भाई की कमी से आए खालीपन को भरना बहुत मुश्किल है।
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अंतिम समय में ऐसा था हाल
गौरतलब है कि वाजिद खान का निधन 42 साल की आयु में हो गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, निधन के कुछ समय पहले उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। इसके बाद उन्हें किडनी इन्फेक्शन हो गया था। करीब 4 दिन तक वह वेंटिलेटर पर रहे। अंतिम दिनों में वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। उनका निधन कार्डिक अरेस्ट के चलते हुआ। बता दें कि साजिद-वाजिद ने अपना करियर 1998 में सलमान खान स्टारर फिल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से किया। इसके बाद सलमान के लिए साजिद-वाजिद ने कई फिल्मों में यादगार गाने दिए। इनमें ‘दबंग’ फिल्म सीरीज, चोरी चोरी,’हैलो ब्रदर’,’वांटेड’ और ‘मुझसे शादी करोगी’ जैसी मूवीज शामिल हैं।