निर्देशक: चंद्रप्रकाश द्विवेदी
निर्माता: विनय तिवारी
मूवी टाइप: ड्रामा
अवधि: 2 घंटा 24 मिनट
रेटिंग: 3/5 स्टार
इन दिनों देश में चुनावी माहौल है। राजनीति भी उफान पर है। पुराने गड़े मुद्दे उखाड़े जा रहे हैं। मौजूदा समाज के इसी माहौल को दर्शाती है चंद्रप्रकाश द्विवेदी निर्देशित फिल्म ‘मोहल्ला अस्सी’ । राजनीति, धर्म, संस्कृति और आस्था को फिल्माती सनी देओल स्टारर यह फिल्म इस हफ्ते रिलीज हुई है। सालों पहले रिलीज को तैयार इस फिल्म पर काफी विवाद हुआ। फिल्म बैन हुई और फिर लीक हो गई। अब काफी मशक्कत के बाद यह मूवी दर्शकों के सामने दस्तक देने में कामयाब हो सकी है। मूवी में दर्शाया गया है कि 90 के दशक में जब देश का माहौल बदल रहा था तब उसका कैसा असर बनारस के अस्सी घाट पर पड़ा।
कहानी
फिल्म की कहानी मशहूर लेखक काशीनाथ सिंह की किताब ‘काशी का अस्सी’ पर आधारित है। मूवी में सनी देओल धर्मनाथ पांडेय के किरदार में हैं। जो कि एक सिद्धांतवादी पुरोहित और संस्कृत अध्यापक हैं और काशी में विधर्मियों यानी विदेशी सैलानियों की घुसपैठ के सख्त खिलाफ हैं। उनके डर से ब्राह्मणों के अस्सी मोहल्ले में कोई चाहकर भी विदेशी किराएदार नहीं रख पाता। वह उनमें से हैं जिनके लिए गंगा नदी मां समान है। जिसे वह सैलानियों का स्वीमिंग पूल नहीं बनने देना चाहते। इसी वजह से टूरिस्ट गाइड गिन्नी (रवि किशन) भी उन्हें रास नहीं आते हैं। हालांकि समय बदलने के साथ धर्मनाथ पांडेय को अपने सिद्धांत, आदर्श और मूल्य खोखले लगने लगते हैं और वह खुद समझौता करने को तैयार हो जाते हैं।
एक्टिंग
एक्टिंग की बात करें तो सनी देओल फिल्म में एक अलग ही अवतार में नजर आ रहे हैं। बेशक इसे उनके अब तक का सर्वश्रेष्ठ अभिनय में से एक कहा जा सकता है। साक्षी तंवर ने भी अच्छा अभिनय किया है। वहीं रवि किशन भी दर्शकों की तालियां बटोरने में कामयाब होते नजर आए हैं।
‘मोहल्ला अस्सी’ खास तौर पर राजनीति और सामाजिक मुद्दों से सरोकार रखने वालों के लिए काफी अच्छी फिल्म है। हालांकि अगर आप मनोरंजन की तलाश में हैं तो यह मूवी कुछ हद तक आपको निराश करती है।