मिलिंद सोमन (Milind Soman) ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए आरएसएस को लेकर कई सारी यादों का ज़िक्र बुक में किया है। उन्होंने किताब में बताया है कि उनके पिता आरएसएस से जु़ड़े हुए थे और उनका मानना था कि शाखा (Shakha) से युवाओं को अनुशासित जीवन, फिटनेस और सोच में बदलाव जैसे फायदे मिलते हैं। मिलिंद ने आगे लिखा- मैं आरएसएस कभी नहीं ज्वाइन करना चाहता था, मैं बहुत परेशान था कि मेरे जैसे मस्त रहने वाले लड़के को माता-पिता ने इस शाखा में भेज दिया। मैं इसका हिस्सा बिल्कुल भी नहीं बनना चाहता था लेकिन फिर शिवाजी पार्क जाना एक रूटीन बन गया था। हालांकि जब मैं आरएसएस को लेकर सांप्रदायिक चीज़े देखता हूं तो बहुत दुख होता है। मैंने जो देखा वो बहुत अलग था, हम खाकी शॉर्ट्स पहनकर मार्च और योग करते थे। संस्कृत मंत्रों का उच्चारण करते थे लेकिन हमें उनका मतलब समझ नहीं आता था।
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मिलिंद सोमन (Milind Soman) ने अपनी किताब में बताया है- मेरे पिता को आरएसएस (RSS) के सदस्य होने पर हिंदू होने का गर्व महसूस होता था, लेकिन मुझे इसका गर्व से नाता समझ में नहीं आया। हालांकि इसमें मुझे शिकायत करने जैसा भी कुछ नहीं लगा। बता दें कि मिलिंद अपने बचपन के इस खुलासे के बाद से ही लगातार ट्रेंड (Trending) में बने हुए हैं। उन्होंने इसको लेकर ट्वीट भी किया और लिखा- 54 साल की उम्र में 10 साल की उम्र के एक एक्सपीरियंस की वजह से ट्रेंड कर रहा हूं। काश ये स्विमिंग के लिए होता, जो मैं उसी दौरान करता था।