स्वास्थ्य सेवाओं को ठहराया जिम्मेदार
मीरा चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने देश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को अपनी रिश्तेदारों की मौत की वजह बताया। मीरा ने ट्वीट कर लिखा, ‘कोविड 19 की वजह से मैंने दो करीबी कजिन को नहीं खोए बल्कि बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं जिम्मेदार हैं। मेरे पहले कजिन को करीब दो दिन तक बंगलुरू में आईसीयू बेड नहीं मिला और दूसरे का ऑक्सीजन लेवल अचानक कम हो गया था। दोनों की उम्र 40 साल के आस-पास थी।’
मीरा चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। उन्होंने देश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को अपनी रिश्तेदारों की मौत की वजह बताया। मीरा ने ट्वीट कर लिखा, ‘कोविड 19 की वजह से मैंने दो करीबी कजिन को नहीं खोए बल्कि बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं जिम्मेदार हैं। मेरे पहले कजिन को करीब दो दिन तक बंगलुरू में आईसीयू बेड नहीं मिला और दूसरे का ऑक्सीजन लेवल अचानक कम हो गया था। दोनों की उम्र 40 साल के आस-पास थी।’
देश कूड़ेदान में चला गया है
इसके बाद मीरा लिखती हैं, ‘ये बहुत दुख देने वाला है। हमने उन्हें बचाने का बहुत प्रयास किया लेकिन असफल रहे। मैं लगातार डर के साथ जी रही हूं कि आगे क्या होगा। हर एक जिंदगी बस खत्म हो रही है। आप अपने मुताबिक उन्हें बचाने के लिए सब कुछ करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें खो देते हैं।’ मीरा आगे लिखती हैं, ‘बहुत गुस्सा आ रहा है। पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि मेरा देश कूड़ेदान में चला गया है। हम अस्पताल में ऑक्सीजन, इंजेक्शन, दवाइयों और बेड्स की व्यवस्था नहीं कर पाए। सरकार हमारे लिए यह सब करती है लेकिन वो हमारे लोगों की जिंदगियां बचाने में विफल रही।’
इसके बाद मीरा लिखती हैं, ‘ये बहुत दुख देने वाला है। हमने उन्हें बचाने का बहुत प्रयास किया लेकिन असफल रहे। मैं लगातार डर के साथ जी रही हूं कि आगे क्या होगा। हर एक जिंदगी बस खत्म हो रही है। आप अपने मुताबिक उन्हें बचाने के लिए सब कुछ करते हैं लेकिन फिर भी उन्हें खो देते हैं।’ मीरा आगे लिखती हैं, ‘बहुत गुस्सा आ रहा है। पहली बार ऐसा महसूस हो रहा है कि मेरा देश कूड़ेदान में चला गया है। हम अस्पताल में ऑक्सीजन, इंजेक्शन, दवाइयों और बेड्स की व्यवस्था नहीं कर पाए। सरकार हमारे लिए यह सब करती है लेकिन वो हमारे लोगों की जिंदगियां बचाने में विफल रही।’
स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारा जा सकता था
इसके बाद मीरा ने लिखा, ‘पिछले साल कोरोना में देशभर में लॉकडाउन लगा था। ऐसे में इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारा जा सकता था। लेकिन जब दूसरी लहर आई तो पता चला कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। मुझे तो अब ये भी नहीं पता कि मैं क्या महसूस कर रही हूं। पिछले 10 दिनों में परिवार में हुई मौतों के बाद अब मुझे कोई उम्मीद नहीं है।’
इसके बाद मीरा ने लिखा, ‘पिछले साल कोरोना में देशभर में लॉकडाउन लगा था। ऐसे में इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारा जा सकता था। लेकिन जब दूसरी लहर आई तो पता चला कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। मुझे तो अब ये भी नहीं पता कि मैं क्या महसूस कर रही हूं। पिछले 10 दिनों में परिवार में हुई मौतों के बाद अब मुझे कोई उम्मीद नहीं है।’