इसी फिल्म के दौरन के कई किस्से ऐसे हैं, जिनको लोगों जानते हैं और सुने ही होंगे. आज हम आपको एक और ऐसे अनसुने किस्से के बारे में बातने जा रहे हैं, जिसको सुनने के बाद होश उड़ जाएंगे. 60 से 70 के दशक में कमाल अमरोही (Kamal Amrohi) और मीना कुमारी (Meena Kumari) अपने कुछ क्रू मेम्बर्स के साथ ‘पाकीजा’ की शूटिंग के लिए मध्य प्रदेश के शिवपुरी इलाके पहुंचे तब ही बियाबान इलाक़े के पास उनकी गाड़ी का पेट्रोल ख़त्म हो गया और उन्होंने गाड़ी साइड में लगा दी. इतनी ही देर में चंबल के डाकुओं के एक गिरोह ने आकर उनकी गाड़ियों को घेर लिया. रात के समय जब उन्होंने हथियारबंद दर्जनों डाकूओं को देखा तो डर से कांपने लगे.
यह भी पढ़ें
‘Veerana’ की ‘चुड़ैल जैस्मिन’ याद है आपको, जिसकी ख़ूबसूरती के आगे हीरोइंस भी भरा करती थी पानी आज दिखती हैं ऐसी
गाड़ी को घेरने के बाद कमाल अमरोही ने उनमें से एक से बोला कि ‘तुम अपने सरदार से कहो कि वो हमसे कार में ही आकर मिलें’. जैसे ही कमाल अमरोही ने ये बोला तभी एक शख़्स उनके पास आया और पूछा कि ‘तुम कौन हो?’ उन्होंने बोला ‘मैं कमाल अमरोही हूं और शूटिंग करने चंबल आया हूं’. शूटिंग सुनते ही वो शख़्स ग़ुस्से में आ गया और सबको पुलिसवाला समझ कर ग़ुस्से से बात करने लगा, क्योंकि उसे लगा कि ये लोग पुलिसवाले हैं और यहां पर हमारा ‘शूट’ यानि एनकाउंटर करने आए हैं. इस गलतफहमी के चलते कमाल अमरोही और मीना कुमारी डाकुओं के चंगुल में फंस गए हैं. इसके बाद हिम्मत जुटाते हुए कमाल अमरोही ने पूछा ‘आपका नाम’? तो वो शख़्स बोला ‘दस्यु बागी अमृत लाल (Daku Amrit Lal Chambal) सुना है ये नाम तुमने अपनी बंबई में?’ डाकू अमृत लाल उस ज़माने का चंबल घाटी का सबसे क्रूर और निडर डकैत था, जिसके ऊपर बहुत भारी इनामी राशि थी और जिसके नाम से पुलिस भी कांपती थी. इसके बाद कमाल अमरोही ने अमृत लाल को बताया कि ‘वो कोई पुलिसवाले नहीं है और न ही गोलीबारी करने आए हैं, उनकी शूटिंग का मतलब फ़िल्म की शूटिंग है’. ये सुनते ही डाकू अमृत लाल का व्यवहार थोड़ा नर्म हो गया और कमाल अमरोही जैसी मशहूर शख़्सियत को अपने सामने देखकर ख़ुश हो गया.
बातचीत के उस डाकू को पता चला कि दूसरी गाड़ी में एक्ट्रेस मीना कुमारी बैठी हैं. उस दौरान पता चला कि डाकू अमृत लाल मीना कुमारी का बेहद बड़ा फैन था. इसके बाद उनसे मीना कुमारी से मिलने की ज़िद की और कहा कि ‘मिलने के बाद ही सबको दिल्ली जाने देगा. ख़ुशी में पागल डाकू अमृत लाल ने उस रात सबके लिए नाच-गाने के साथ-साथ खाने-पीने का भी इंतज़ाम कराया और उनकी गाड़ी में पेट्रोल भी उसके ही आदमियों ने भरवाया और फिर सब जाने की तैयारी करने लग गए’. डाकू मीना कुमारी का ऑटोग्राफ लेना चाहता था, लेकिन कागज और पेन का इंतजाम न होने के चलते डाकू अमृत लाल ने चाकू मंगाकर कमाल अमरोही और मीना कुमारी के सामने रख दिया.
ये देखकर मीना कुमारी काफी सहम गई थीं. इसके बाद चाकू रखने की वजह पूछने पर डाकू ने कहा कि ‘मीना कुमारी जब उसके हाथ पर चाकू से अपना नाम लिखेंगी तभी यहां से सब लोग जा पायेंगे’. उसकी इस जिद के आगे मीना कुमारी की एक ना चली और उन्होंने चाकू तो हाथ उठा लिया, लेकिन उसके हाथ पर चाकू से अपना नाम लिखने की हिम्मत उनकी नहीं हो रही थी. नाज़ुक और प्यारी सी मीना कुमारी ने अपने सभी क्रू मेंबर्स की जान बचाने के लिए आख़िरकार हिम्मत जुटाई और उसके हाथों पर अपना नाम चाकू से लिख दिया और फिर सब लोग वहां से निकल गए.