मैगजीन ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि इस बातचीत के दौरान ये निष्कर्ष भी निकल कर आता है कि क्या भारतीय प्रशासन और आतंकियों के बीच कोई अंतर है? साथ ही लेख में लिखा गया है कि फिल्मों और टीवी सीरियल के बाद वेब सीरीज एंटी नेशनलिज्म और जिहाद के कंटेंट को प्रमोट करने के एक माध्यम के तौर पर उभर रहा है। साथ ही आरोप लगाए गए हैं कि सूचना और प्रसारण मीडिया का पिछले कुछ सालों में एंटी नेशनल और एंटी कंटेंट को प्रमोट करने के माध्यम के तौर पर बड़े स्तर पर इस्तेमाल हुआ है।
साथ ही पांचजन्य ने लिखा कि मनोज वाजपेयी की वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन’ आतंकवादियों का समर्थन कर रही है और उनके प्रति साहनुभूति दिखाई गई है। इस सहानुभूति के चलते उनके द्वारा बंदूक उठाने की कोशिशों को जस्टिफाई करने की कोशिश की गई है।