टॉयलेट के पास सोते थे सोनू दरअसल, पंजाब के मोगा में रह रहीं मल्विका (Malvika Sood) ने सोनू सूद के संघर्ष (Sonu Sood Struggle Days) की कहानी बयां की है। वह बताती हैं कि जब मेरा भाई नागपुर में इंजीनियरिंग का छात्र था, वह ट्रेन के कंपार्टमेंट में टॉयलेट के पास छोटी सी खाली जगह में सोकर घर आता था। मेरे पिता उसे पैसे भेजते थे लेकिन उसकी कोशिश हमेशा पैसे बचाने की होती थी। वह पिताजी की कड़ी मेहनत की काफी कद्र किया करता था। जब वह मुंबई में मॉडलिंग (Sonu Sood Medlling Career) में स्ट्रगल कर रहा था तो ऐसे कमरे में रहता था, जहां करवट बदलने की भी जगह नहीं थी। करवट बदलने के लिए उसे खड़ा होना पड़ता था।
पहली फिल्म की रिलीज के बाद किया खुलासा बहन मल्विका ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पिताजी उसे पैसे नहीं भेजते थे लेकिन वह पिता के पैसों को बहुत ही हिफाजत के साथ खर्च करना चाहता था। मल्विका ने यह भी बताया कि वह ट्रेन में कैसे सफर करके आते हैं और मुंबई में किस हाल में रह रहे हैं, इस बात की भनक कभी उन्होंने परिवार वालों को नहीं लगने दी थी। लेकिन जब उनकी पहली मूवी रिलीज हुई तो घर आकर उन्होंने कहा कि आज मैं सीट पे बैठके आया हूं, बड़ा अच्छा लग रहा है। इसके बाद उसने हम लोगों को बताया कि वह ट्रेन में अक्सर पेपर के शीट पर बैठकर ट्रैवल करता है।
माता-पिता से थे काफी अटैच सोनू सूद की बहन ने यह भी बताया कि सोनू अपने माता-पिता (Sonu Sood Parents) से काफी अटैच थे। आज वह जो कुछ कर रहे हैं, इसलिए कर रहे हैं ताकि वो उनपर गर्व कर सकें। सोनू उन्हें इतना मिस करते हैं कि उन्होंने जो कुछ सिखाया है उसे जिंदा रखना चाहते हैं। आपको बता दें कि सोनू सूद अभी तक 18 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेज चुके हैं।