संयोग ऐसा कि दोनों फिल्ममेकर्स का जीवन कभी ‘बेड ऑफ रोजेज’ नहीं रहा। संघर्ष किया और फिर अपना मुकाम बनाया। महेश भट्ट की फिल्मों में यथार्थ दिखा तो थोड़ा पाश्चात्य पुट भी वहीं दक्षिण के मेगास्टार एकेआर को भारतीयता ओढ़ी फिल्मों पर नाज था। बोल्ड दोनों थे पर कैसे?
एकेआर तेलुगू सिनेमा के ‘ट्रैजेडी किंग कैसे बने?
एकेआर का जन्म 20 सितंबर 1924 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में हुआ। गरीब परिवार था। पांच भाई बहनों में सबसे छोटे। चूंकि गरीब किसान के बेटे थे तो पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए। 10 साल से थिएटर करना शुरू कर दिया। बड़े होने तक मन रमा रहा। उस जमाने में एक बोल्ड स्टेप उठाया। वो ऐसे कि महिला किरदारों को स्टेज पर प्ले करते रहे। उस दौर में ये अटपटा था और थिएटर की जरूरत भी क्योंकि महिलाओं का काम करना अच्छा नहीं माना जाता था। खैर, एकेआर ने अपनी पहचान बना ली। पहली बार पर्दे पर दिखे 1941 की तेलुगू फिल्म धर्मपत्नी में। इसमें सपोर्टिंग रोल निभाया। बड़ा ब्रेक मिला श्री सीता राम जननम् में। श्री राम की लीड भूमिका निभाई और फिर तो अभिनय की गाड़ी चल पड़ी। ‘देवदासु’ ने इन्हें तेलुगू सिनेमा का ‘ट्रैजेडी किंग’ बना दिया। बोल्ड काम तो इन्होंने एक और किया। उस दौर में जब तेलुगू फिल्में मद्रास (चेन्नई) में ही बनाई जाती थी तो इन्होंने पूरी तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री को हैदराबाद री लोकेट कराया। इस इंडस्ट्री को नई पहचान दिलाई। साल दर साल एक्टिंग का जलवा बिखेरा फिर फिल्मों का निर्माण करने लगे। कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए और मेगास्टार के रूप में खुद को स्थापित कराया। कैंसर की वजह से 22 जनवरी 1914 को दुनिया को अलविदा कह गए।
वैसे आज की पीढ़ी इन्हें एक्टर नागार्जुन के पिता और नागा चैतन्य के दादा के तौर पर जानती है। नागार्जुन ने सालों पहले पिता को याद करते हुए लिखा था- जब मैं अभिनय की दुनिया में आया, तब भारतीय सिनेमा में कई बदलाव हो चुके थे। मेरे पिता को यह बिल्कुल पसंद नहीं था। वह अक्सर पूछते थे कि हमारे सिनेमा को पश्चिम की ओर झुकाव की आवश्यकता क्यों है?
बेटी को “कीस” करने के बाद मैगजीन्स के कवर पेज पर छा गए थे महेश भट्ट
ऐसे ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के बोल्ड राइटर, डायरेक्टर और अब एक्टर हैं महेश भट्ट। जन्म 20 सितंबर 1948 को हुआ। डायरेक्शन की शुरुआत ही एडल्ट फिल्म से की। नाम था ‘मंजिलें और भी हैं’। एक्टर कबीर बेदी और प्रेमा नारायण के साथ। बेटी पूजा भट्ट का मानना है कि उनके पिता ने तब समय से आगे की फिल्म बनाई। बोल्ड भट्ट ने आर्ट से लेकर कमर्शियल फिल्म्स में हाथ आजमाया और सफल भी रहे। बोल्ड बिंदास तो ऐसे कि बेटी को ‘किस’ किया तब गॉसिप मैगजीन्स के कवर पेज पर छा गए। जो किया उसे किसी से छुपाया भी नहीं।