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‘मुगल-ए-आजम’ की अनारकली को अपनी हर मुस्कुराहट का चुकाना पड़ता था आसूंओं से कर्ज, आखिरी समय में भी रह गई थीं अकेली

अपने समय की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस के तौर पर पहचान बाने वाली मधुबाला जितनी खुश और खिलखिलाती हुई फिल्मी पर्दे पर नजर आती थीं. उतनी उदास और आंसू उन्होंने अपनी असल जिंदगी में बहाए हैं. मधुबालों को कभी उनके हिस्से की खुशियां ठीक से नहीं मिली. वो कभी रियल लाइफ वो सब हासिल नहीं कर पाईं जो फिल्मी पर्दे पर उनका मिला.

Feb 25, 2022 / 10:56 am

Vandana Saini

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‘मुगल-ए-आजम’ की अनारकली को अपनी हर मुस्कुराहट का चुकाना पड़ता था आसूंओं से कर्ज

अपने दशक की बला की खूबसूरत कहे जाने वाली मधुबाला का निधन महज 36 साल की उम्र में हो गया था. वो अपने आखिरी के दिनों में बिल्कुल अकेली रह गई थीं. मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को हुआ था. मधुबाला जितनी खुश और खिलखिलाती हुई फिल्मी पर्दे पर नजर आती थीं. उतनी ही उदास और अकेली असल जिंदगी में थीं. भले ही मधुबाला हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी फिल्में, गानें और कुछ बातें ऐसी हैं, जो यादें बनकर हमेशा हमारे बीच रहेंगे. मधुबाला का जन्म एक मुस्लिम परिवार में अताउल्लाह और आयशा बेगम के घर में हुए आ था.
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मधुबाला का असल नाम मुमताज देहलवी था. मधुबाला बचपन से ही बेहद प्यारी और चंचल हुआ करती थीं. साथ ही वो इतनी खूबसूरत थी कि उनको हॉलीवुड एक्ट्रेस मर्लिन मोनरो का ही देसी अवतार माना जाता था. मधुबाला की खूबसूरती पर फैंस के साथ-साथ फिल्मी पर्दे के कई बड़े स्टार्स भी जान छिड़कते थे. जब मधुबाला ने बॉलीवुड में एंट्री की थी तब उनको ‘बेबी मुमताज’ कहा जाता था. उन्होंने साल 1942 में रिलीज हुई फिल्म बसंत से अपने करियर की शुरूआत की थी. इस फिल्म में उनका किरदार एक्ट्रेस देविका रानी को बेहद पसंद आया था और उन्होंने उनका स्क्रीन नेम ‘मधुबाला’ रख था.
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इसके बाद मधुबाला कई हिट फिल्मों में नजर आईं. साथ ही उनकी जोड़ी को कई एक्टर्स के साथ पसंद की गई. मधुबाला ने अपने करियर में सुपरहिट फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ समेत करीबन 70 फिल्मों में काम किया था और अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया था. दर्शकों उनको बड़े पर्दे पर देखने के लिए काफी उत्सुक रहा करते थे. मधुबाला को साल 1947 में रिलीज हुई फिल्म’नीलकमल’ से काफी लोकप्रियता हासिल हुई. इस फिल्म में उनके किरदार को बेहद पसंद किया, जिसके बाद उन्हें ‘सौंदर्य देवी’ कहा जाने लगा था.
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इस फिल्म के बाद उनको उस समय के सुपरस्टार्स अशोक कुमार, रहमान, दिलीप कुमार और देवानंद जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला. मधुबाला की फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ ने उनके नाम को अमर बना दिया. फिल्म में मधुबाला ने अनारकली का किरादर निभाया था, जिसके बाद काफी समय तक उनको इसी नाम से पहचाने जाने लगा. इस फिल्म की खास बात ये रही कि करीबन 10 साल से भी ज़्यादा समय में बनी इस फ़िल्म ने हर तरह के रिकॉर्ड तोड़े. इस फिल्म के सेट से उनका नाम दिलीप कुमार के साथ जुड़ा.
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बताया जाता है कि दोनों का ये रिश्ता 9 साल तक चला, जिसके बाद दोनों अलग हो गए. बाद में किशोर कुमार उनके जीवन में आए और दोनों ने शादी कर ली. मधुबाला के बारे में कहा जाता है कि उनकी आखिरी समय बेहद कम लोग उनसे मिलने जाते थे. मात्र 36 साल की उम्र में 23 फरवरी 1969 को मधुबाला ने अपनी बीमारियों से लड़ते हुए अपनी आखिरी सांस ली.

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