भावार्थ माऊली’ के लिए संगीत तैयार किया
दरअसल, संत ज्ञानेश्वर को महाराष्ट्र के महान कवियों व संतों के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ही भागवत धर्म और वारकरी संप्रदाय की नींव रखी। अपने इक्कीस साल के जीवनकाल में उन्होंने कई भक्ति गीत और कविताएं लिखीं। पचास साल पहले लता मंगेशकर ने सारेगामा के साथ मिलकर ‘ज्ञानेश्वर माऊली’ नाम का भक्ति एलबम जारी किया था। लता जी की आवाज संत ज्ञानेश्वर की कविताओं और अभंगों पर आधारित गीतों में सुनी गई थी। अब पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने भक्ति गीत के नए एलबम ‘भावार्थ माऊली’ के लिए संगीत तैयार किया है।
दरअसल, संत ज्ञानेश्वर को महाराष्ट्र के महान कवियों व संतों के रूप में जाना जाता है। उन्होंने ही भागवत धर्म और वारकरी संप्रदाय की नींव रखी। अपने इक्कीस साल के जीवनकाल में उन्होंने कई भक्ति गीत और कविताएं लिखीं। पचास साल पहले लता मंगेशकर ने सारेगामा के साथ मिलकर ‘ज्ञानेश्वर माऊली’ नाम का भक्ति एलबम जारी किया था। लता जी की आवाज संत ज्ञानेश्वर की कविताओं और अभंगों पर आधारित गीतों में सुनी गई थी। अब पंडित हृदयनाथ मंगेशकर ने भक्ति गीत के नए एलबम ‘भावार्थ माऊली’ के लिए संगीत तैयार किया है।
आध्यात्मिकता का एहसास होगा
इस एलबम के बारे में लता मंगेशकर कहती हैं, ‘मुझे महान संत ज्ञानेश्वर के काव्य साहित्य को आज की पीढ़ी के सामने प्रस्तुत करने का मान मिला। ‘भावार्थ माऊली’ के जरिए मेरे भाई हृदयनाथ और मैंने हर गीत में आध्यात्मिकता का सार पेश करने की कोशिश की है। उम्मीद है कि इन खूबसूरत गानों को सुनते हुए लोगों को आध्यात्मिकता का एहसास होगा।’
इस एलबम के बारे में लता मंगेशकर कहती हैं, ‘मुझे महान संत ज्ञानेश्वर के काव्य साहित्य को आज की पीढ़ी के सामने प्रस्तुत करने का मान मिला। ‘भावार्थ माऊली’ के जरिए मेरे भाई हृदयनाथ और मैंने हर गीत में आध्यात्मिकता का सार पेश करने की कोशिश की है। उम्मीद है कि इन खूबसूरत गानों को सुनते हुए लोगों को आध्यात्मिकता का एहसास होगा।’
मरते दम तक कोशिश करूंगी
लता मंगेशकर से जब पूछा गया कि आने वाले समय में किसी एलबम या फिल्म में वह गा सकती हैं? इस पर उन्होंने कहा कि ‘मैं कोशिश तो जरूर करूंगी। अभी भी सोच रही हूं कि कुछ न कुछ जरूर करूं। लेकिन कुछ कह नहीं सकती हूं। पर हां गाना तो मेरे अंदर से जाएगा नहीं। गाना मेरी जिंदगी है। गाने के अलावा मेरे पास और है ही क्या। मरते दम तक मैं गाने की कोशिश करती रहूंगी।’
लता मंगेशकर से जब पूछा गया कि आने वाले समय में किसी एलबम या फिल्म में वह गा सकती हैं? इस पर उन्होंने कहा कि ‘मैं कोशिश तो जरूर करूंगी। अभी भी सोच रही हूं कि कुछ न कुछ जरूर करूं। लेकिन कुछ कह नहीं सकती हूं। पर हां गाना तो मेरे अंदर से जाएगा नहीं। गाना मेरी जिंदगी है। गाने के अलावा मेरे पास और है ही क्या। मरते दम तक मैं गाने की कोशिश करती रहूंगी।’