फिल्म ‘नाम’ के साथ उन्होंने अपने कॅरियर को वापस राह पर लाने की कोशिश की। फिल्म हिट रही, लेकिन फिल्म में संजय दत्त की एक्टिंग को काफी पसंद किया गया। कुमार गौरव के पिता राजेन्द्र नहीं चाहते थे कि वो ये फिल्म करें। बताया जाता है कि राजेंद्र कुमार को डर था कि ऑडियंस की सिम्पथी कुमार की जगह संजय दत्त पर चली जाएगी। हालांकि कुमार ने अपने दोस्त संजय के कॅरियर को बचाने के लिए किसी की नहीं सुनी।
बता दें कि कुमार गौरव बॉलीवुड अभिनेता राजेन्द्र कुमार के बेटे हैं। ये बात अलग है कि कुमार गौरव अपने पिता की तरह सिनेमा के पर्दे पर कब्जा नहीं जमा सके, लेकिन उनकी फिल्म ‘लव स्टोरी’ आज भी सुनहरी याद जैसी हैं।
साल 1981 में कुमार गौरव की पहली फिल्म ‘लव स्टोरी’ ब्लॉकबस्टर साबित हुई तो वहीं उनके पिता राजेंद्र कुमार ने डायरेक्शन के क्षेत्र में कदम बढ़ा दिया था। भले ही ‘लव स्टोरी ने कुमार को फेमस कर दिया हो, लेकिन उसके बाद आने वाली फिल्मों के फ्लॉप होने से कुमार का कॅरियर बॉलीवुड में काफी डगमगा गया था।
कुमार गौरव बॉलीवुड में अपना सिक्का नहीं चला सके, लेकिन अपने चाहने वालों में उन्होंने अपनी पहचान 80 के दशक में चॉकलेटी बॉय की बना ली थी। हालांकि उन्होंने इस छवि को तोड़ने की कोशिश की लेकिन वो सफल नहीं रहे। उनकी याद इसी अंदाज में सभी के दिल में छप गई। साल 2002 में आई फिल्म ‘कांटे’ में उन्होंने संजय दत्त के साथ एक बार फिर काम किया। हालांकि ये फिल्म भी कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर सकी थी।