किरदारों से जुड़ पाऊं, ऐसी फिल्में करती हूं
कोंकणा बताती हैं कि वह कभी भी ऐसे किरदार नहीं निभाना चाहती थीं जिनसे वह जुड़ न सकें। उन्हें फैंसी फिल्में नहीं पसंद। यही वजह है कि एक्ट्रेस एक्टिंग ही नहीं करना चाहती थी, लेकिन बदलते दौर में उनके पास कुछ ऐसी फिल्में आई जो उनकी पसंद से मेल खाईं और वह इंडस्ट्री में काम करती चली गईं।
इंडस्ट्री के बदलते दौर से कोई मतलब नहीं
सिनेमाजगत में महिलाओं को लेकर बदलते नजरिए पर कोंकणा कहती हैं कि सच कहूं तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इंडस्ट्री में क्या हो रहा है। हर साल कुछ फिल्में अच्छी आती हैं तो कुछ बुरी। इसलिए मैं बिल्कुल ध्यान नहीं देती कि यहां क्या बदलाव आ रहा है। महिलाओं को लेकर इंडस्ट्री में सोच बदल रही है या नहीं, इसमें भी मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है। हो सकता है बदलाव आ भी रहे हों, लेकिन लोग तो आज भी बुरे जोक्स पर हंसते और फिल्में चल जाती हैं।