बीते 90 के दशक में इन्होंने कई एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्मों में काम किया है और अधिकतर फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से लाखों दर्शकों के दिलों पर राज करते आए हैं| ऐसे मैं अपनी आज की इस पोस्ट में हम कुलभूषण खरबंदा के बारे में ही बात करने जा रहे हैं और बताने जा रहे हैं कि आखिर यह अभिनेता आज कहां है और क्या कर रहे हैं…
मिर्जापुर-2 में आए थे नजर कुलभूषण खरबंदा को आखिरी बार मिर्जापुर-2 में देखा गया था। वेबसीरिज में उनके दमदार अभिनय की खूब तारीफ भी हुई। उन्होंने सत्यानंद त्रिपाठी का किरदार निभाया था। अभिनेता 76 वर्ष के हो चुके हैं लेकिन उन्होंने काम करना नहीं छोड़ा है। ब़ॉलीवुड में वे कई सारी फिल्मों में काम कर चुके हैं लेकिन शाकाल का किरदार उनके दिल के बेहद करीब है। इसकी ख्याति अलग ही स्तर पर है।
मुंडवाया था सिर कुलभूषण खरबंदा यह बताते हैं कि जिस समय शान की शूटिंग हो रही थी, वह ऐसा समय था जब दर्शकों को पागल नहीं बनाया जा सकता था। कैमरा हर छोटी डिटेल कैप्चर करता है इसलिए हमें अपना बेस्ट देना होता था। यही वजह थी कि उन्होंने इस किरदार के लिए विग पहनने की बजाय अपना सिर मुंडवाया था।
दोस्तों के साथ बनाया था थिएटर ग्रुप कुलभूषण खरबंदा ने अपनी ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ करीबी दोस्तों के साथ मिलकर एक अभियान नाम का थिएटर ग्रुप शुरू किया था, और कई सालों तक इन्होंने थिएटर में भी अपने अभिनय का जलवा दिखाया था। और फिर आखिरकार साल 1974 में आई बॉलीवुड फिल्म जादू का शंख के जरिए इन्होंने हिंदी फिल्म जगत में अपना डेब्यू किया था। अभिनेता को कई शानदार फिल्मों में साइट रूल्स को निभाते हुए भी देखा गया था, लेकिन अपने निभाए गये शाकाल के किरदार से इन्होंने गजब की लोकप्रियता हासिल की थी।
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