खुद सुनाया था किस्सा दरसल कुछ साल पहले ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के सेट पर खुद अमिताभ ने इस बात का खुलासा किया था। अमिताभ ने उस दौरोन ये किस्सा उनके सामने हॉट सीट पर बैठे सुलभ शौचालय अभियान के जनक डॉक्टर बिंदेश्वर पाठक को सुनाया था।
किसी जाति को नहीं मानते शो में अमिताभ ने बिंदेश्वर पाठक को बताया था कि आप तो जानते हैं कि हमारा जो नाम है बच्चन, वो किसी जाति के साथ मिला हुआ नहीं है, क्योंकि बाबूजी उसके खिलाफ थे। वैसे वो श्रीवास्तव (कायस्थ) हैं, लेकिन उन्होंने कभी माना नहीं। कई लोग पूछते हैं मुझसे और कई बार मैं कह भी चुका हूं। चूंकि बाबूजी इस बात को नहीं मानते थे, इसलिए उन्होंने कभी अपनी जाति का नाम दिया ही नहीं और मुझे इस बात पर बहुत गर्व है कि मैं ‘बच्चन’ नाम का प्रथम प्राणी हूं।
ऐसे मिला बच्चन सरनेम अमिताभ ने आगे बताया था कि जब किंडर गार्टन स्कूल में मेरा दाखिला होना था, तो स्कूलवालों ने पूछा कि इनका नाम क्या है। इस पर बाबूजी ने कहा- अमिताभ। स्कूलवालों ने कहा कि सरनेम बताइए। इस पर मां और बाबूजी ने वहीं तय किया कि इसका सरनेम होगा बच्चन। तब से हमारे सरनेम की स्थापना हुई।
भारतीय बताते हैं खुद को अमिताभ बच्चन ने बताया था कि कई बार जनगणना वाले आते हैं पूछने के लिए कि आपकी जाति क्या है, तो मैं उनसे यही कहता हूं कि मैं भारतीय हूं। मेरी कोई जाति नहीं, मुझे मालूम नहीं।