करण ने आगे कहा कि “वह अस्सी और नब्बे के दशक की एकमात्र ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने देख-समझ कर ही अपने काम को बेहतर ढंग से अंजाम दिया। उन्होंने उस दौर के फिल्मों के वाक्य-विन्यास को देखा और समझा और उसे अपने भीतर उताार।”
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वहीं करण ने सत्यार्थ नायक (satyarth nayak) द्वारा लिखी गई किताब श्रीदेवी: द एक्सटरनल स्क्रीन गॉडेस'( Sridevi: The Eternal Screen Goddess) की लॉचिंग पर अभिनेत्री के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। अभी कुछ ही दिनों पहले अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने भी दिल्ली में इसी किताब का अनावरण किया। किताब के बुक टाइटल से पता चलता है कि ये बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा श्रीदेवी की जिंदगी पर आधारित है, जिन्हें भारतीय सिनेमा की महिला सुपरस्टार के रुप में सम्मानित किया गया है।