कंगना ने अपने आधिकारिक अकांउट से ट्वीट करते हुए कहा, ‘आज बीएमसी ने मेरे सभी पड़ोसियों को नोटिस जारी किया है। बीएमसी ने मुझे सामाजिक रूप से अलग-थलग किए जाने की धमकी दी है। मेरे पड़ोसियों से कहा गया है कि अगर उन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया, तो उनके घर भी तोड़ दिए जाएंगे। मेरे पड़ोसियों ने महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोला है, कृपया उनके घरों को बख्श दें।’
कंगना और शिवसेना सरकार के बीच जुबानी जंग के मद्देनजर अवैध निर्माण का हवाला देते हुए बांद्रा में स्थित कंगना के ऑफिस को बीएमसी द्वारा 9 सितंबर को ध्वस्त कर दिया गया था। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर मिलने के बाद इस काम को बीच में रोक दिया गया। कंगना ने नुकसान पहुंचाए गए अपने दफ्तर की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर साझा की थीं।
बता दें कि इससे पहले कंगना और बीएमसी की लड़ाई बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच चुकी है। कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई की जा रही है। सोमवार को कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए कई सवाल खड़े किए थे। कोर्ट ने बीएमसी से कंगना के कार्यालय में 8 सितंबर को निर्माण कार्य जारी रहने की तस्वीरों के बारे में पूछा। साथ ही बीएमसी की कार्रवाई का रिकॉर्ड भी नहीं होने की बात कही। इस पर बीएमसी की तरफ से संतोषजनक जवाब नहीं आया।
कोर्ट ने शिवसेना के संजय राउत की कंगना पर की गई विवादित टिप्पणी की क्लिप भी चलवाई। इसमें राउत की टिप्पणी पर उनके वकील ने बचाव करते हुए ‘हरामखोर’ का मतलब नॉटी बताया। इस पर कोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा शब्दकोश हमारे पास भी है। अगर ‘हरामखोर’ का मतलब नॉटी होता है तो नॉटी का मतलब क्या होता है?