पत्नी ने लिखा इमोशनल नोट
कमलरुख खान ने सोशल मीडिया पर एक बेहद ही इमोशनल नोट लिखा है। कमलरुख ने वाजिद के साथ अपनी कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं, जिसमें उनके साथ उनके बच्चे अर्शी और रेहान भी नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “वाजिद को गए हुए एक साल बीत चुका है और हमने उनके परिवार के रूप में उनकी जिंदगी का जश्न मनाने का फैसला किया है, अच्छे वक्त और यादगार लम्हों के साथ, बजाए इसके कि हम उनकी यादों में दुख मनाएं। हम उनके अनंतता को सेलिब्रेट करते हैं।”
कमलरुख खान ने सोशल मीडिया पर एक बेहद ही इमोशनल नोट लिखा है। कमलरुख ने वाजिद के साथ अपनी कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं, जिसमें उनके साथ उनके बच्चे अर्शी और रेहान भी नजर आ रहे हैं। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “वाजिद को गए हुए एक साल बीत चुका है और हमने उनके परिवार के रूप में उनकी जिंदगी का जश्न मनाने का फैसला किया है, अच्छे वक्त और यादगार लम्हों के साथ, बजाए इसके कि हम उनकी यादों में दुख मनाएं। हम उनके अनंतता को सेलिब्रेट करते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “मैं जब भी अर्शी और रेहान को देखती हूं तो उनके बारे में सोचती हूं- उनकी आंखों में मुस्कान, उनके संगीत और मेरे लिए उनके प्यार को देखकर। मैं उनके जरिए उन्हें हर रोज देखती हूं। ये दुनिया रोज बदलती है और इसी तरह हमारे बिताये हुए यादों के साथ आगे बढ़ती है। मेरा मानना है कि मौत अंत नहीं है। ये इसी तरह से चलता रहेगा। आगे और आगे वाजिद, अनंत काल में कई रोमांचक यात्राओं के लिए।”
भाई के नाम को बनाया सरनेम
कमलरुख के इस पोस्ट उनके दोस्तों ने भी वाजिद खान को याद किया है। बता दें कि वाजिद खान के निधन के बाद इंडस्ट्री की पॉपुलर जोड़ी साजिद-वाजिद टूट गई थी। उनके निधन से साजिद को गहरा सदमा पहुंचा था। अक्सर वो अपने भाई को याद कर दुखी हो जाते हैं। कुछ वक्त पहले साजिद ने अपने भाई के नाम को ही अपना सरनेम बनाने का फैसला कर लिया था। उन्होंने कहा था कि अब उनका नाम साजिद-वाजिद है और ये अंत तक ऐसा ही रहेगा। ‘वो शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है लेकिन मैं हर समय उसकी उपस्थिति को महसूस करता हूं।’
कमलरुख के इस पोस्ट उनके दोस्तों ने भी वाजिद खान को याद किया है। बता दें कि वाजिद खान के निधन के बाद इंडस्ट्री की पॉपुलर जोड़ी साजिद-वाजिद टूट गई थी। उनके निधन से साजिद को गहरा सदमा पहुंचा था। अक्सर वो अपने भाई को याद कर दुखी हो जाते हैं। कुछ वक्त पहले साजिद ने अपने भाई के नाम को ही अपना सरनेम बनाने का फैसला कर लिया था। उन्होंने कहा था कि अब उनका नाम साजिद-वाजिद है और ये अंत तक ऐसा ही रहेगा। ‘वो शारीरिक रूप से मौजूद नहीं है लेकिन मैं हर समय उसकी उपस्थिति को महसूस करता हूं।’