कमल हासन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ‘राज राजा चोल के समय पर कोई हिंदू धर्म नहीं था। उस समय वैष्णव, शैव और समानम संप्रदाय थे। ये तो अंग्रेज थे जिन्होंने इन्हें हिंदू कहना शुरू कर दिया, क्योंकि उन्हें इसके बारे में कोई खास जानकारी नहीं थी। यह ठीक वैसा ही है जैसे उन्होंने तुतुकुडी का नाम बदलकर तुतिकोरिन कर दिया।’ कमल हासन ने यह भी कहा कि उस समय कई तरह के संप्रदाय थे।’
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कलाकारों और क्रू के साथ पोन्नियिन सेलवन को देखने गए कमल हासन ने कहा कि यह इतिहास पर आधारित एक कथा का जश्न मनाने का क्षण है। उन्होंने कहा, ‘इतिहास को बढ़ा-चढ़ाकर पेश न करें और न ही इसमें भाषा के मुद्दे को शामिल करें।’एक इवेंट में डायरेक्टर वेत्रिमारन ने कहा था, ‘लगातार और बार-बार, हमारी पहचान हमसे छीनी जा रही है। वल्लूवर का भगवाकरण या राज राज चोल को लगातार एक हिंदू राजा बुलाया जा रहा है।’ वेत्रिमारन ने कहा कि सिनेमा जनसाधारण का माध्यम है और इसमें किसी एक खास विचाधारा की पॉलिटिक्स का बचाव किया जाना गलत है।
निर्देशक वेत्रिमारन के बयान पर भाजपा नेता एच राजा भड़क गए। उन्होंने कहा कि ‘मैं वेत्रिमारन की तरह इतिहास से अच्छी तरह वाकिफ नहीं हूं, लेकिन उन्हें राजराजा चोलन द्वारा निर्मित दो चर्चों और मस्जिदों की ओर इशारा करना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने खुद को शिवपाद सेकरन भी कहा था। फिर वह तब हिंदू कैसे नहीं हुए?’