परिवार की फिल्मी पृष्ठभूमि को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता था कि काजोल बचपन से ही फिल्मों में अभिनय करना चाहतीं होगीं। काजोल ने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत 1992 में फिल्म बेखुदी से की। उस समय काजोल मात्र 17 साल की थीं। इस फिल्म में उनके साथ उनकी मां तनुजा भी नजर आईँ। लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस कमाल नहीं दिखा पाई।
वर्ष 1993 में काजोल को अब्बास मस्तान की फिल्म बाजीगर मे शाहरूख खान के साथ कास्ट किया। फिल्म उस साल की कमाई के मामले में चौथी सर्वश्रेष्ठ फिल्म साबित हुई। इस फिल्म ने ना सिर्फ काजोल को पहचान दिलाई बल्कि उऩकी और शाहरूख खान की जोड़ी को भी बॉलीवुड से परिचित करवाया। और आगें चलकर यह जोड़ी सर्वश्रेष्ठ जोड़ियों में से एक साबित हुई।
इसके बाद काजोल शाहरूख के साथ एक के बाद एक कई हिट फिल्मों में नजर आईं जिनमें दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, कभी खुशी कभी गम, करन अर्जुन, कुछ कुछ होता है आदि शामिल हैं। काजोल ने अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए पांच फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवार्ड जीता जिनमें दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, कभी खुशी कभी गम, कुछ कुछ होता है, फना, माई नेम इज खान शामिल हैं।
बात काजोल की निजी जीवन की जाए तो उनके नाम के साथ एक बहुत ही रोचक किस्सा जुड़ा हुआ है। काजोल के माता पिता उनका नाम काजोल नहीं बल्कि मर्सिडीज रखना चाहते थे। सुनने में ये मजेदार लग सकता है लेकिन यह सच है।
दरअसल काजोल के माता पिता उनका मर्सिडीज रखना चाहते थे। क्योकिं काजोल के पिता शोमू मुखर्जी को मर्सिडीज कार बेहद पसंद थी। बता दें कि मर्सिडीज के निर्माता ने अपने इस ब्रांड का नाम अपनी बेटी के नाम पर रखा था। इसीलिए वह अपनी बेटी को भी यही नाम देना चाहते थे। हालांकि ऐसा नहीं हो सका।
अपने नाम को लेकर अभिनेत्री काजोल बताती हैं कि उनका रियल नाम काजल ही है। चूकिं वे बंगाली पृष्ठभूमि से आतीं है इसलिए वहां के उच्चारण की वजह से उनका नाम काजल से काजोल हो गया था।