25 साल की उम्र में की खुदकुशी
अब इसी किताब को लेकर कबीर बेदी ने बॉलीवुड हंगामा को एक इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने अपने बेटे की खुदकुशी के बारे में खुलकर बात की। उनके बेटे सिद्धार्थ ने साल 1997 में आत्महत्या कर ली थी। उस वक्त वह 25 साल के थे। कबीर ने इंटरव्यू में कहा, ‘सिद्धार्थ एक बहुत शानदार युवा था। अपनी क्षमताओं को लेकर वह बहुत अनूठा था। लेकिन एक दिन अचानक वह चीजों के बारे में सोच नहीं पा रहा था। कबीर ने कहा, हमने बहुत कोशिश की ये पता करने की कि दिक्कत क्या है। तीन साल तक हम अनजान चीजों पर हाथ-पैर मारते रहे। लेकिन इसके बाद भी कुछ ठीक नहीं हुआ।’
अब इसी किताब को लेकर कबीर बेदी ने बॉलीवुड हंगामा को एक इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने अपने बेटे की खुदकुशी के बारे में खुलकर बात की। उनके बेटे सिद्धार्थ ने साल 1997 में आत्महत्या कर ली थी। उस वक्त वह 25 साल के थे। कबीर ने इंटरव्यू में कहा, ‘सिद्धार्थ एक बहुत शानदार युवा था। अपनी क्षमताओं को लेकर वह बहुत अनूठा था। लेकिन एक दिन अचानक वह चीजों के बारे में सोच नहीं पा रहा था। कबीर ने कहा, हमने बहुत कोशिश की ये पता करने की कि दिक्कत क्या है। तीन साल तक हम अनजान चीजों पर हाथ-पैर मारते रहे। लेकिन इसके बाद भी कुछ ठीक नहीं हुआ।’
तमाम कोशिशों के बाद भी नहीं बचा पाए
इसके बाद कबीर बेदी ने कहा कि कुछ सालों तक सिद्धार्थ की बीमारी का पता नहीं चला लेकिन फिर हमें सड़कों पर उसका काफी गुस्सैल अवतार देखने को मिला। कुल 8 पुलिसवाले उसे काबू करने में लगे थे। मॉन्ट्रियल के डॉक्टरों ने बताया कि सिद्धार्थ को सिज़ोफ्रेनिक की बीमारी है। कई सालों तक हमने उसका इलाज करवाया लेकिन फिर भी हमने उसे खो दिया। क्योंकि वह हमसे दूर जाना चाहता था। कबीर कहते हैं कि हमने उसे बचाने की काफी कोशिश लेकिन हम उसे बचा नहीं पाए। इस बात का अफसोस अभी तक है। उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ भी परवीन बाबी की तरह सिज़ोफ्रेनिक के मरीज थे।
इसके बाद कबीर बेदी ने कहा कि कुछ सालों तक सिद्धार्थ की बीमारी का पता नहीं चला लेकिन फिर हमें सड़कों पर उसका काफी गुस्सैल अवतार देखने को मिला। कुल 8 पुलिसवाले उसे काबू करने में लगे थे। मॉन्ट्रियल के डॉक्टरों ने बताया कि सिद्धार्थ को सिज़ोफ्रेनिक की बीमारी है। कई सालों तक हमने उसका इलाज करवाया लेकिन फिर भी हमने उसे खो दिया। क्योंकि वह हमसे दूर जाना चाहता था। कबीर कहते हैं कि हमने उसे बचाने की काफी कोशिश लेकिन हम उसे बचा नहीं पाए। इस बात का अफसोस अभी तक है। उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ भी परवीन बाबी की तरह सिज़ोफ्रेनिक के मरीज थे।