अपने कॉमेडी से सबको हमेशा हंसाने वाले जॉनी लीवर ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए बहुत मेहनत की है। अपनी ज़बरदस्त कॉमिक टाइमिंग और बेहतरीन एक्टिंग से जॉनी लीवर कई सालों से सबको एंटरटेन कर रहे हैं। एक्टिंग में आने से पहले जॉनी लीवर हिंदुस्तान युनिलिवर लिमिटेड में काम करते थे। वहां काम करने के दौरान वो अपने सहकर्मियों का मनोरंजन मिमिक्री से किया करते थे। वहां जब भी कोई प्रोग्राम या गेट टूगेदर होता था, तब जॉनी लीवर कॉमेडी करते थे और उनकी कॉमेडी सबको खूब हंसाया करते। वहीं पर उन्हें जॉनी लीवर नाम मिला। उनके सहकर्मी उन्हें जॉनी लीवर नाम से पुकारने लगे, मगर उनका असली नाम जॉन प्रकाश राव जानुमाल है।
शुरुआत मे जॉनी मुंबई में पैन बेचने का कम किया, वह बॉलीवुड गानों पर मनोरंजन करते हुये पैन बेचा करते थे। एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि कैसे उनका नाम जॉन राव से बदलकर जॉनी लीवर कर दिया गया।
उन्होंने बताया, “बचपन से ही, मुझे लोगों की नकल करने और उनको चिढ़ाने की आदत थी। इस बात का लोगों ने खूब लुत्फ उठाया। मैंने नृत्य और अन्य प्रदर्शन किए। ये सब करते हुए मैं 17 साल का हो गया और स्टेज पर स्टैंड-अप और मिमिक्री शो करने लगा, जहां मैं फिल्म एक्टर्स की नकल करता था।”
उन्होंने आगे कहा, “जब मैं 18 साल का हुआ तो मैंने अपने पिता के साथ काम करना शुरू कर दिया। वह हिंदुस्तान लीवर में काम करते थे। मैंने छह साल हिंदुस्तान लीवर में काम किया। मैंने वहां भी अपने कार्यक्रम किए और वहीं से मुझे लीवर नाम मिला और जॉन राव से मैं जॉनी लीवर बन गया।”
जॉनी लीवर के अंदर के मिमिक्री कलाकार को राम कुमार और प्रताप जैन ने पहचान कर उन्हें स्टेज शो करने का अवसर दिया, जहाँ उनकी कॉमेडी का जादू लोगो पर चल गया 1982 में जॉनी को पहली बार संगीतकार कल्यानजी-आनंदजी एवं अमिताभ बच्चन के साथ स्टेज शेयर करने का सुनहरा अवसर मिला।
एक स्टेज शो के दौरना सुनील दत्त ने जॉनी लीवर के टैलेंट को पहचानते हुये अपनी फिल्म ‘दर्द’ का रिश्ता में एक रोल भी दे दिया, जिसके बाद उन्हे कई छोटे-मोटे रोल मिलने शुरू हो गए। उन्होने एक ऑडियो कैसेट कम्पनी मे भी काम किया, जो हंसी के हंगामे नामक कार्यक्रम बनाते थे।अब तक जॉनी कई स्टेज और फिल्मो में रोल कर चुके थे,हालांकी अभी तक उन्हे कोई बड़े बजट की फिल्म नही मिली थी, जहां से उन्हे अधिक सफलता मिल सके।
एक बार उन्होंने एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहां पर बॉलीवुड के कई बड़े-बड़े सितारो के साथ निर्देशक भी आये हुए थे। जॉनी ने वहां अपनी काला का प्रदर्शन कर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया, जिसका उन्हे फल भी मिला। निर्देशक गुल आनंद ने उन्हें फिल्म ‘जलवा’ के लिए रोल ऑफर कर दिया। इस फिल्म की सफलता ने उन्हें कॉमेडियन के रुप में मशहूर कर दिया।
जॉनी लीवर के लिए पैन बेचने से लेकर कॉमेडियन बनने तक का सफर भले ही आसान नही था, लेकिन आज वो इस मुकाम को अपनी मेहनत और अपने टेलेंट के दम पर हासिल कर पाए हैं। जॉनी लिवर सिर्फ बड़े पर्दे पर ही नहीं छोटे पर्दे भी अपने कॉमेडी के जलवे दिखा चुके हैं। जॉनी सीने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट हैं। इसके अलावा वह मिमक्री आर्टिस्ट एसोसिएशन मुंबई के भी अध्यक्ष हैं।
जॉनी लीवर को अब तक 13 फिल्मफेयर अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। 350 से भी अधिक फिल्मो में अभिनय करने वाले जॉनी को लोगो ने उनकी कड़ी मेहनत को देखते हुये एक कॉमेडियन के रूप में स्वीकार कर उन्हे कॉमेडी का किंग बना दिया।