जया और अमिताभ बच्चन का सीन दरअसल शो के प्रोमो में अमिताभ बच्चन ने फिल्म शोले के एक सीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे शोले फिल्म के एक सीन के लिए तीन साल लग गए थे। वो सीन शोले फिल्म का पॉपुलर सीन है जिसमें जया बच्चन चिराग जला रही होती हैं और नीचे वे माउथ ऑर्गेन बजाते रहते हैं, इस सीन को शूट करने में तीन साल लग गए थे।
3 मिनट के सीन को शूट होने में लगे 3 साल अमिताभ-जया का ये सीन महज 3 मिनट का था, लेकिन इसे पूरी तरह से शूट करने में 3 साल लग गए। अमिताभ ने सीन के बारे में बताया है कि इस सीन को शूट करने के लिए एक अलग लाइटिंग की जरूरत थी। हमारे डायरेक्टर सूर्यास्त के समय शॉट लेना चाहते थे। आपको विश्वास नहीं होगा कि रमेश जी ने इस सीन को शूट करने में 3 साल बिता दिए ताकि उन्हें परफेक्ट शॉट मिल सके।
फिल्म की ज्यादातर शूटिंग 35 एमएम में हुई बता दें कि रमेश सिप्पी शोले को इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म बनाना चाहते थे। 35 एमएम का फॉर्मेट फिल्म को बड़ा बनाने के लिए छोटा था, इसलिए तय किया गया था कि इसे 70 एमएम और स्टीरियोफोनिक साउंड में बनाया जाए। खबरों की मानें तो विदेशों से कैमरे मंगाकर शूटिंग करने से फिल्म का बजट काफी ऊपर जा रहा था इसीलिए फिल्म की ज्यादातर शूटिंग 35 एमएम में की गई और उसके बाद उसे 70 एमएम में ब्लोअप किया गया था।
सिर्फ 20 लाख रुपए की कास्टिंग थी शोले का कुल बजट 3 करोड़ रुपए था। निर्देशक रमेश सिप्पी का कहना है कि आज इस फिल्म को बनाने में 150 करोड़ रुपए का बजट चाहिए। 100 करोड़ रुपए कम से कम स्टार कास्ट पर, जबकि उस समय सिर्फ 20 लाख रुपए में कास्टिंग हो गई थी। बता दें कि पूरी फिल्म की शूटिंग कर्नाटक के बैंगलुरु और मैसूर के बीच स्थित पहाड़ियों से घिरे रामनगरम में हुई थी। यहां के एक गांव को रामगढ़ की शक्ल दी गई थी।