ऐसे में आशुतोष ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा “सिनेमा समय के साथ लगातार इवॉल्व हो रहा है और इसका यह विकसित रूप देखने के लिए फिल्म महोत्सव से बेहतर कोई मंच नहीं हो सकता। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव इस परिवर्तन का एक प्रतीक है और मैं इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं।”
अंतर्राष्ट्रीय जूरी का अध्यक्ष चुने जाने पर खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं: आशुतोष गोवारिकर
उन्होंने आगे कहा “मैं महोत्सव के निदेशक शेखर कपूर और आईएफएफआई टीम का आभार जताता हूं जिन्होंने मुझे अंतर्राष्ट्रीय जूरी के अध्यक्ष हेतु चुना। सिनेमा की दुनिया में शामिल होना और खुद को उसमें डुबो देना सौभाग्य की बात है।” महोत्सव निदेशक और आईएफएफआई के अध्यक्ष शेखर कपूर ने गोवारिकर की प्रशंसा करते हुए कहा “अध्यक्ष को सिनेमा की गहरी समझ होनी चाहिए और साथ ही विविध दृष्टिकोणों को देखने में सक्षम होना चाहिए। आशुतोष की फिल्मों ने कहानी कहने के व्यापक और कई रूपों को सफलतापूर्वक पर्दे पर निभाया है। हम आभारी हैं कि उन्होंने इस वर्ष आईएफएफआई में अंतरराष्ट्रीय जूरी का अध्यक्ष बनना स्वीकार किया।”
20 से 28 नवंबर तक गोवा में 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव
सूचना और प्रसारण मंत्रालय 20 से 28 नवंबर तक गोवा में 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (55th International Film Festival of India) की मेजबानी करेगा। गोवारिकर ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों मंचों पर एक अलग पहचान बनाई है। इस बार आईएफएफआई में ‘द गोट लाइफ’, ‘आर्टिकल 370’ समेत कुल 15 फिल्में गोल्डन पीकॉक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी। लाइन-अप में 12 अंतरराष्ट्रीय और 3 भारतीय फिल्में हैं, जिनमें से प्रत्येक को मजबूत कहानी और कलात्मकता के लिए चुना गया है।
इस साल के गोल्डन पीकॉक जूरी का नेतृत्व गोवारिकर कर रहे हैं और इसमें सिंगापुर के निर्देशक एंथनी चेन, ब्रिटिश-अमेरिकी निर्माता एलिजाबेथ कार्लसन, स्पेनिश निर्माता फ्रैन बोर्गिया समेत अन्य दिग्गज भी शामिल हैं। यह भी पढ़ें: किसी के पास नहीं थे पैसे, ऐसे हुई दिवंगत अभिनेता Irrfan Khan और Manoj Bajpayee की दोस्ती