इस फिल्म से राजकुमार और फिरोज खान का एक किस्सा काफी मशहूर है। दरअसल, फिल्म के पहले ही दिन जब राजकुमार की मुलाकात फिरोज खान से हुई तो उन्होंने फिरोज खान को बुलाकर कहा कि यह एक बड़ी फिल्म है। तुम्हें अपना रोल काफी ध्यान से करना होगा। मैं तुम्हें बताता हूं। राजकुमार ने फिरोज खान को समझाना शुरु ही किया था कि वह बीच में ही उठ गए। उसके बाद फिरोज खान ने राजकुमार से कहा कि, ‘आप अपना काम अपने तरीके से कीजिए। मैं अपने तरीके से करूंगा।’ फिरोज खान की इस बात को सुनकर वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। क्योंकि राजकुमार उन दिनों बहुत बड़ा नाम थे। कोई भी एक्टर उनसे इस तरह बात नहीं करता था।
इस घटना के बाद सभी को लगा कि राजकुमार फिरोज खान के इस व्यवहार की शिकायत निर्देशक से करेंगे और उन्हें फिल्म से निकलवा देंगे। लेकिन राजकुमार ऐसा नहीं किया। बल्कि उन्होंने अगले दिन फिरोज खान को सबके सामने कहा कि मुझे तुम्हारी अकड़ अच्छी लगी। मैं भी इसी तरह का हूं। किसी की नहीं सुनता। इस अकड़ को हमेशा बनाए रखना। इस किस्से को बाद में राजकुमार ने काफी दफा बताया। वहीं फिरोज खान इस किस्से को लेकर कहते थे कि उस वक्त उनके अंदर बचपना था। उन्हें अपने सीनियर कलाकारों को सम्मान देना चाहिए।
बता दें कि 27 अप्रैल, 2009 को फिरोज खान का कैंसर से निधन हो गया था। बतौर एक्टर उन्होंने ‘रिपोर्टर राजू’, ‘सुहागन’, ‘ऊंचे लोग’, ‘आरजू’, ‘औरत’, आदमी और इंसान’, ‘मेला’, ‘खोटे सिक्के’ और धर्मात्मा जैसी करीब 50 फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म साल 2007 में वेलकम थी। इस फिल्म में उन्होंने डॉन का किरदार निभाया था। जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। एक्टिंग के अलावा फिरोज खान ने निर्देशन में भी हाथ अजमाया था।