मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर स्कूली दिनों में आखिर की सीटों पर बैठने वाले छात्र थे। वह बहुत शरारती भी थे। अनिल ने यहां प्रमुख कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रम “पीएंडजी शिक्षा” के प्रचार के दौरान कहा, मैं पिछली सीट पर बैठने वाला विद्यार्थी था। मेरे पसंदीदा शिक्षक वह थे, जो मुझ पर कभी नहीं चिल्लाते थे और मेरी गलती पर मुझे आसानी से माफ कर देते थे।
बॉलीवुड के “झकास” अभिनेता को शिक्षा के महत्व पर पूरा यकीन है। अनिल ने कहा, एक बच्चे की जिंदगी में शिक्षा बहुत अहम भूमिका निभाती है। यह उन्हें बड़ा होकर सफल व्यक्ति बनने में मदद करती है। मेरे तीन बच्चे हैं और माता-पिता होने के नाते हम उन्हें अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने का महत्व समझते हैं, जो उन्हें भविष्य में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने में उनकी मदद करे।
उन्होंने कहा कि उनके लिए स्कूल के दिन बहुत खास हैं, क्योंकि वह स्कूल में पहले दिन जिन बच्चों से मिले, वो अब भी उनके दोस्त हैं। अनिल ने कहा, मेरे पास स्कूल से जुड़ी कुछ बेहतरीन यादें हैं। मुझे हमने स्कूल में साथ में जो मौज-मस्ती, पढ़ाई और खेलकूद किए, वो सब याद हैं।