बॉलीवुड में अपनी दोस्ती और रिश्तों में कड़वाहट पर करण ने कहा, ‘उनका करीना से विवाद रहा। एक साल तक दोनों में बात नहीं हुई। जब मेरे पिता की तबियत ठीक नहीं थी, तब करीना ने मुझे फोन किया। बाद में हमें महसूस हुआ कि ये कितना बचपना था। वो मुझसे 10 साल छोटी है।’ वहीं काजोल से विवाद पर उन्होंने कहा, ‘मैं उसे बहुत प्यार करता हूं। हमारे बीच विवाद हुआ पर अब वो पास्ट है। हमारी बॉडिंग अलग तरह की है।’
फिल्म निर्माता ने कहा, ‘शाहरुख और आदित्य चोपड़ा की वजह से मैं निर्देशक बना। जब मैंने शाहरुख के साथ काम करना शुरू किया, तब वे स्टार बन चुके थे। हर रिश्ते की तरह हमारे रिश्ते में भी उतार-चढ़ाव रहा, काम और पर्सनल रिश्ते अलग-अलग हैं। हमारे बीच बॉडिंग हमेशा रहेगी। एक भी दिन के लिए हमारे रिश्ते में कभी कड़वाहट नहीं आई।’
एलीट क्लास पर आधारित फिल्में बनाने को लेकर करण ने कहा, ‘मैंने कई बार गैरपारंपरिक तरीके की फिल्में भी बनानी चाहिए, लेकिन मुझे इसका क्रेडिट नहीं मिला। मैंने ‘माय नेम इज खान’ बनाई, बॉम्बे टॉकीज में एक फिल्म की, लेकिन उसकी बात नहीं हुई। यदि मेरा नाम ‘करण कश्यप’ होता तो मुझे और क्रेडिट मिल जाता।’ फिल्म निर्देशक-निर्माता संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर जारी विवाद पर उन्होंने कहा कि फिल्म को शांति से रिलीज होने देना चाहिए।
एक टीवी डिबेट के साहित्यक मंच के सेशन में बातचीत के दौरान करण ने शाहरुख खान के बेटे को बॉलीवुड का दूसरा बड़ा सुपरस्टार बताया। उन्होंने कहा, ‘आर्यन खान भी शाहरुख की तरह हिंदी सिनेमा के बड़े सितारे साबित होंगे। मैं सोचता हूं कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन भविष्य के ह्यूज सुपरस्टार साबित होंगे, इसलिए नहीं कि वो शाहरुख के बेटे हैं, बल्कि उसमें प्रतिभा है।’
करण ने सत्र मॉडरेट कर रही अंजना ओम कश्यप की एक चुटकी पर कहा, ‘सवालों के जवाब देना मेरे लिए बहुत अनसुटेबल है, क्योंकि मैं सवाल करता हूं। मुझे जवाब देना ज्यादा पसंद नहीं।’ नेपोटिज्म पर जारी विवाद पर अपनी राय रखते हुए करण ने माना कि वह खुद इसका हिस्सा हैं। उन्होंने कहा,’ये हर इंडस्ट्री में है। चूंकि मेरे पिता निर्माता थे, मुझे इसका फायदा मिला और उस वजह से मैं फिल्ममेकर बना। मैं क्वालिफाइड नहीं था, मैं फिल्मों में एजुकेटेड नहीं था, ये बात मैं मानता हूं कि पिता की वजह से मुझे मौके मिले। आप इंडस्ट्री का हिस्सा हैं तो आप को इजी एक्सेस जरूर मिलता है, लेकिन इसे मेंटेन करना मुश्किल हो जाता। मेरे जैसे कई हासिल कर लेते हैं और कई नहीं। नेपोटिज्म एक कार्ड है जो सिर्फ मौका देने में मदद करता है।’