फिल्म को देखकर निकल रहे लोगों का कहना है कि इसमें कई ऐेसे दृश्य हैं जो आपको अंदर तक हिला देते हैं। फिल्म में दिखाए गए इन भयानक सीन्स किस तरह से शूट किया गया था इस पर फिल्म के सिनेमैटोग्राफर प्रशांतनु महापात्रा ने हाल ही में खुलकर बात की।
एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान सिनेमैटोग्राफर प्रशांतनु महापात्रा ने बताया कि उन्होंने बताया कि डायरेक्टर सुदीप्तो सेन के साथ लव जिहाद पर उन्होंने डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। उस दौरान केरल जाकर जब उन्होंने पीड़िता के परिवार वालों से बात की तो वहीं से फिल्म का कॉन्सेप्ट निकला। उस डॉक्यूमेंट्री की भी कुछ क्लिप्स इस फिल्म में इस्तेमाल हुई हैं।
इस दौरान जानबूझकर ज्यादा डार्क कलर नहीं इस्तेमाल किए गए। इस दौरान हमने इस फिल्म के हर सीन को कुछ ऐसे शूट किया है, जिससे सीन दिमाग में सोचा जाए। वह बयान दे रही है लेकिन दर्शक इसे सोच रहे हैं… उसकी फैमिली के बारे में… उसके प्यार में पड़ने के बारे में… इसके बाद सीरिया में हुए उसके रेप के बारे में… इस दौरान जैसे-जैसे वह अपनी आपबीती बता रही है और उनकी साथ हुई आपबीति का जिक्र कर रही है वह सारे सीन दर्शकों के दिमाग में चलने लगते हैं।
एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान सिनेमैटोग्राफर प्रशांतनु महापात्रा ने बताया कि उन्होंने बताया कि डायरेक्टर सुदीप्तो सेन के साथ लव जिहाद पर उन्होंने डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। उस दौरान केरल जाकर जब उन्होंने पीड़िता के परिवार वालों से बात की तो वहीं से फिल्म का कॉन्सेप्ट निकला। उस डॉक्यूमेंट्री की भी कुछ क्लिप्स इस फिल्म में इस्तेमाल हुई हैं।
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उन्होंने आगे बताया कि जहां शालिनी के साथ टेंट में लगातार मर्दों का रेप करना दिखाया जाना था। हमने उसे प्रतीकात्मक अंदाज में पेश किया। टेंट की लाइट के जरिए हमने वो रेप के एक्शन को शूट किया क्योंकि वो सीन एंजॉय करने वाला नहीं बल्कि परेशान करने वाला था। इसलिए हमने दर्शकों को उस सीन से अलग बनाए रखा ताकि वो केवल उसे महसूस करे। नीमा किरदार का जब रेप सीन दिखाते हैं, तो हम पीड़िता और रेपिस्ट को एकसाथ नहीं दिखा रहे।इस दौरान जानबूझकर ज्यादा डार्क कलर नहीं इस्तेमाल किए गए। इस दौरान हमने इस फिल्म के हर सीन को कुछ ऐसे शूट किया है, जिससे सीन दिमाग में सोचा जाए। वह बयान दे रही है लेकिन दर्शक इसे सोच रहे हैं… उसकी फैमिली के बारे में… उसके प्यार में पड़ने के बारे में… इसके बाद सीरिया में हुए उसके रेप के बारे में… इस दौरान जैसे-जैसे वह अपनी आपबीती बता रही है और उनकी साथ हुई आपबीति का जिक्र कर रही है वह सारे सीन दर्शकों के दिमाग में चलने लगते हैं।
उन्होंने बताया कि सीरिया और अफगानिस्तान का बॉर्डर दिखाने के लिए हमने फिल्म में लद्दाख की घाटियों पर शूटिंग की है। वहां 15 दिनों तक 10 से 12 घंटे तक शूटिंग की गई है। जिस दौरान फिल्म की शूटिंग यहां पर की गई उस समय यहां पर माइनस 7 डिग्री पारा था। कुछ सीन को शूट करना बेहद मुश्किल था। खास तौर पर वह जहां एक सीन में कैंप से शालिनी भाग रही होती है और उस सीन को शूट करने के लिए मैं हाथ में कैमरा लेकर भाग रहा था। वहीं एक सीन ऐसा था जहां पर लड़की सुसाइड करती है। उसके लटकते पैर को हमें जिस एंगल से पेश करना था, वह बहुत ही मुश्किल था।
प्रशांतनु ने कहा इतना ही नहीं इसके बाद एक सीन ऐसा था जो बहुत ही ज्यादा मुश्किल था इस सीन में शालिनी अपनी गाड़ी से उतरती है और इसके बाद वहां गाड़ी गई लाशों को देखकर हैरान हो जाती है, कि किस तरह पत्थर मारकर वह लोगों को खत्म किया गया है। वह लाशें डमी नहीं थी, बल्कि क्रु के मेंबर्स को ही गाड़ कर खड़ा किया गया था। यहां भी हमने लाशों का क्लोजअप शॉट्स नहीं लिया था, बल्कि दूर के एंगल में धूप के विपरीत शूट किया…ताकि दर्शक को यह सीन हर्टफूल ना लगे।
प्रशांतनु ने कहा इतना ही नहीं इसके बाद एक सीन ऐसा था जो बहुत ही ज्यादा मुश्किल था इस सीन में शालिनी अपनी गाड़ी से उतरती है और इसके बाद वहां गाड़ी गई लाशों को देखकर हैरान हो जाती है, कि किस तरह पत्थर मारकर वह लोगों को खत्म किया गया है। वह लाशें डमी नहीं थी, बल्कि क्रु के मेंबर्स को ही गाड़ कर खड़ा किया गया था। यहां भी हमने लाशों का क्लोजअप शॉट्स नहीं लिया था, बल्कि दूर के एंगल में धूप के विपरीत शूट किया…ताकि दर्शक को यह सीन हर्टफूल ना लगे।
द केरल स्टोरी में कथित तौर पर केरल से लापता हुई 32 हजार हिंदू लड़कियों की कहानी दिखाई गई है, जिनका पहले ब्रेनवाश करके धर्म परिवर्तन किया गया और बाद में आतंकवादी संगठनों के हवाले कर दिया गया, जिसपर खूब बवाल मचा।
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