1. रंग बरसे (सिलसिला)
इस गाने को अगर आप गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि गाने में अमिताभ बच्चन का करिदार रेखा के किरदार को होली खेलने या डांस करने के लिए मजबूर करता नज़र आ रहा है। इस गाने के एक शॉट में, वह आदमियों के एक ग्रुप में खड़ी दिखाई देती है, जबकि वो उस पर रंग फेंकते हैं।
2. आज न छोड़ेंगे (कटी पतंग)
इस गाने के लिरिक्स पर गौर कीजिये :
“आज न छोड़ेंगे बस हमजोली
खेलेंगे हम होली
चाहे भीगे तेरी चुनरिया
चाहे भीगे रे चोली
खेलेंगे हम होली होली है….”
इस गाने में राजेश खन्ना फीमेल डांसर को उसकी सहमति के बगैर के छूते नज़र आ रहे हैं। वह उसे आदमियों के एक ग्रुप की तरफ धकेलने के लिए आगे बढ़ते हैं जो उसके साथ किसी रैगडॉल से कम बर्ताव नहीं करते।
3. सोनी सोनी (मोहब्बतें)
इस गाने में उदय चोपड़ा का कैरेक्टर शमिता शेट्टी के किरदार के साथ ज़ोर-जबरदस्ती कर रंग लगाता है। इसके इस गाने के लिरिक्स देखिये जरा : “जा कुड़िये! जो कर! पूरा बदन तेरा रंग दिया…” मतलब ज़बरदस्ती रंग लगाने के बाद एक ज़बरदस्त सा डायलॉग। इस गाने के बने लिरिक्स सिर्फ फिल्म में ही नहीं, रियल लाइफ में भी महिलाओं और लड़कियों के लिए अभिशाप की तरह हैं।
होली पर रंगों से सौ फीट की दूरी बनाकर रखते हैं ये बॉलीवुड सेलेब्स
4. डू मी अ फेवर लेट्स प्ले होली (वक़्त – द रेस अगेंस्ट टाइम)
पहले इस गाने के लिरिक्स को पर ध्यान दीजिए
”हो मेरे पीछे पीछे क्यूँ आये
मेरा जिया जिया क्यूँ धडकाए
जा रे जा don’t touch my choli
उफ़ ये होली हाय ये होली
उफ़ ये होली हाय ये होली”
किसी का पीछा करना और उसे टच करना इस गाने में जितनी आसानी से नॉर्मलाइज़ किया गया है, उसके साथ बहुत बड़ी दिक्क्त है। इस तरह का कल्चर और पार्टियों में बज रहे ये सॉन्ग बहुत सी चीज़ों को इनविटेशन देते हैं, क्या इस तरह की बातों को गानों में मज़ाक की तरह से दिखाया जाना वाकई में सिर्फ एक मजाक ही है?
5. बलम पिचकारी (ये जवानी है दीवानी)
इस गाने में नैना (दीपिका पादुकोण) पहले बनी (रणबीर कपूर) पर पानी फेंकती हैं और उसके बाद रणबीर उस पर रंग डालता है। इस ‘मज़ेदार’ नज़रिये के साथ समस्या यह है कि यह बगैर सहमति से टच करने को नॉर्मलाइज़ करता है। दरअसल, कई महिलाएं होली के दौरान बाहर जाने से इसलिए डरती हैं क्योंकि उन्हें छेड़छाड़ या चोट लगने का डर रहता है। पर अफ़सोस, बॉलीवुड उनके होली वाले इस डर और नतीजों से पूरी तरह से अनजान है।
6. गो पागल (जॉली LLB 2)
अगर इस फिल्म को ध्यान से देखें तो इसमें एक वकील अधिकारों की लड़ाई लड़ता है पर सहमति के अधिकार के लिए इसकी फीमेल लीड को अलग से लड़ाई लड़नी पड़ेगी। गाने के लिरिक्स से आप इस बात को अच्छे से समझ ही सकते हैं।