हेमा मालिनी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह कैसे शादीशुदा धर्मेंद्र पर फिदा हो गई थीं। हेमा मालिनी पैरेंटिंग को बहुत बड़ा और कठिन टास्क मानती हैं। उन्होंने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा था कि एक वक्त था जब बेटियों को किसी और के करीब देखती थीं तो जलन होती थी।
हेमा मालिनी कहती हैं कि एक वक्त ऐसा आता है जब हमें लगता है कि बच्चे बिगड़ ना जाएं इसलिए दखलअंदाजी बढ़ा देते हैं जो उन्हें पसंद नहीं आती। हेमा मालिनी कहती हैं कि यही वो समय होता है जब पैरेंट्स को धैर्य रखना चाहिए और मैच्योरिटी से काम लेना चाहिए। हेमा मालिनी ने अपना अनुभव बताया था- जब मेरी बच्चियां मेरे होते हुए किसी और के साथ समय बितातीं, तो मन आहत होता। कभी उन्हें किसी और के साथ जुड़ता देख जलन भी होती तो कभी उनकी कामयाबी में ख़ुशी के साथ-साथ कई तरह की आशंकाएं भी पनपतीं। हेमा मालिनी कहती हैं कि पैरेंटिंग आसान नहीं होती, बहुत कुछ असहज होते हुए भी आपको सहजता दिखानी पड़ती है। भले ही मन में अपनों के दूर हो जाने का डर पनपता हो, लेकिन मेरा अनुभव यही कहता है कि अपने कभी दूर होते ही नहीं, वो लौटकर ज़रूर आते हैं। बकौल हेमा मालिनी, कुछ समय के लिए बच्चे भले ही भटक या बहक जाएं, लेकिन वो हमसे दूर कभी नहीं जाते। यदि हमारे घर के संस्कार सही हैं, तो बच्चे बाहर की दुनिया से इन्फ्लुएंस नहीं होते।