‘पत्नी के लिए छोड़ दूंगा फिल्मी करियर’, जब सबके सामने इंटरव्यू में Shahrukh Khan ने कह दी थी ऐसी बात
उस समय उन्होंने सालभर पहले ही बीजेपी ज्वाइन की थी. पहले वो सिनेमा में सक्रिय थे, फिर उन्होंने आध्यात्म की राह पकड़ ली. वहां से लौटे तो उन्होंने सियासत का रूख कर लिया. ये उनके जीवन का तीसरा रास्ता था जो उन्होंने चुना था. विनोद खन्ना और हेमा मालिनी ने कई हिट फिल्मों में एक साथ काम किया था, जिसके चलते वो दोनों काफी अच्छे दोस्त बन चुके थे. जब चुनाव का ऐलान हुआ तो विपक्षियों ने गुरदासपुर में बंबई का बाबू कहते हुए विनोद खन्ना के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया. इसी दौरान विनोद को हेमा मालिनी की याद आई.
एक वरिष्ठ पत्रकार और लेखक रशीद किदवई अपनी किताब ‘नेता-अभिनेता: बॉलीवुड स्टार पावर इन इंडियन पॉलिटिक्स’ में इस किस्से का जिक्र करते हुए लिखा कि ‘हेमा राजनीति के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था…यहां कैसे काम होता. एक दिन विनोद खन्ना का फोन आया. उन्होंने कहा ‘मैं गुरदासपुर से चुनाव लड़ रहा हूं. मैं चाहता हूं तुम मेरा चुनाव प्रचार करो… मैंने तुरंत मना कर दिया, क्योंकि मुझे सियासत के बारे में जरा भी जानकारी नहीं थी’.
बताया जाता है कि विनोद खन्ना को इनकार करने के बाद हेमा सीधे अपनी मां के पास पहुंचीं और उन्होंने विनोद से फोन पर हुई बातचीत के बारे में उनको सब बता दिया. इसके बाद उनकी मां ने कहा कि ‘विनोद खन्ना उनके अच्छे दोस्त हैं. इस नेता उन्हें चुनाव प्रचार में जरूर जाना चाहिए’. हेमा मालिनी के मुताबिक यही वो समय था, जब उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई. इसलिए वो इसका श्रेय हमेशा विनोद खन्ना को देती हैं. बता दें कि हेमा मालिनी उत्तर प्रदेश की मथुरा सीट से सांसद हैं. उन्होंने साल 2019 के चुनाव में लगातार दूसरी बार इस सीट पर जीत दर्ज की.