रवि का बचपन गरीबी में बिता है लेकिन वे बचपन से ही फिल्में देखना और घूमना चाहते थे।दिक्कत थी तो पैसों की। किसी तरह घर वालों ने उन्हें पढ़ाया। इसके बाद साल 1988 में नौकरी की तलाश में रवि चेन्नई चले गए। कई दिनों तक काम ढूंढा लेकिन कोई अच्छा काम नहीं मिला। हैरान परेशान रवि को किसी ने फिल्मी दुनिया में करियर बनाने की सलाह दे डाली। लेकिन उन दिनों उनको घर-परिवार चलाने के लिए पैसे भी चाहिए थे। तो एक तरफ फिल्मों में काम ढूंढते दूसरी तरफ छोटे छोटे काम कर घर की जरूरत पूरी करते थे। मेहनत का फल तो मिलता ही है रवि को भी मिला। साल 1990 में उन्हें मामूली किस्म के रोल मिलने लगे। इसके साथ ही वह असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में भी काम करने लगे।कृष्ण वाम्सी के मुलाकात के बाद किस्मत ही बदल गई। वो जीरो से हीरो बन गए।
डायरेक्टर पुरी जगन्नाथ और रवि तेजा की जोड़ी काफी सुपरहिट हुई. दोनों ने साथ में कई बेहतरीन फिल्में दीं. अक्षय कुमार की राउडी राठौड़ साउथ में रवि तेजा की फिल्म का ही रीमेक थी।इतना ही नहीं साल 2015 में आई सलमान की फिल्म ‘किक’ भी उनके ही फिल्म की रीमेक थी।बता दें साल 2012 में फोर्ब्स इंडिया की टॉप 100 सेलिब्रिटी की लिस्ट में वह 50वें स्थान पर रहे। अगने साल यानी 2013 में फोर्ब्स ने फिर से रवि को 68वें स्थान के लिए चुना, उस वक्त उनकी सालाना आय 13 करोड़ रुपये थी।