Happy Birthday Paresh Rawal: ‘ये बाबूराव का स्टाइल है’ के अलावा परेश रावल ने दिए हैं कई शानदान डायलॉग
फिल्मों के अलावा परेश रावल के डायलॉग्स (Paresh Rawal Dialogues) के भी लोग मुरीद हैं। तो आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके कुछ शानदार डायलॉग के बारे में बताते हैं।
नई दिल्ली: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार परेश रावल का आज 65वां जन्मदिन (Paresh Rawal Birthday) है। फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले परेश रावल अक्सर अपने बयानों से सुर्खियों में बने रहते हैं। करियर की शुरुआत में एक्टर ने अपनी पहचान एक विलेन (Paresh Rawal As Villain) के रूप में बनाई, लेकिन फिल्म ‘हेराफेरी’ (Hera Pheri) की सफलता के बाद उन्हें महसूस हुआ कि वे एक कॉमेडियन (Paresh Rawal As Comedian) के रूप में ज्यादा सफल रहेंगे।
परेश रावल ने अपने करियर की शुरूआत साल 1984 में आई फिल्म ‘होली’ (Holi) से की थी। इस फिल्म से एक्टर आमिर खान (Aamir Khan Debut Film) ने भी अपना डेब्यू किया था। हालांकि परेश रावल को असली पहचान 1986 में आई फिल्म ‘नाम’ से मिली। इसके बाद उन्होंने ज्यादातर फिल्मों में विलेन का रोल किया। जिसमें करीब सौ फिल्में शामिल थीं। विलेन के रूप में परेश रावल ने कब्जा, किंग अंकल, राम लखन, दौड़, बाज़ी से लेकर दिलवाले तक कई शानदार (Paresh Rawal Blockbuster Movies) फिल्में दी हैं।
फिल्मों के अलावा परेश रावल के डायलॉग्स (Paresh Rawal Dialogues) के भी लोग मुरीद हैं। तो आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके कुछ शानदार डायलॉग के बारे में बताते हैं। 1. हेरा फेरी– ये बाबूराव का स्टाइल है। 2. हंगामा– राम राम, ये पत्नी है कि पनौती है। 3. ओह माय गॉड– जहां धर्म है ना वहां सत्य के लिए जगह नहीं है और जहां सत्य है वह सच है, वहां धर्म की कोई जरूरत नहीं है। 4. मेरे बाप पहले आप– मुर्गी चुराई कसाई से और खबर फैलाई डकार से। 5. उरी– ये हिंदुस्तान अब चुप नहीं बैठेगा, ये नया हिंदुस्तान है, ये घर में घुसेगा भी मारेगा भी। 6. अंदाज अपना अपना– तेजा मैं हूं, मार्क इधर है। 7. नायक – तुम्हारी तरह महात्मा गांधी बैठ गए होते घर में, बीवी बीवी बेटा बेटा करते हुए, तो तुम आज भी किसी अंग्रेज के घर में लैट्रिन साफ कर रहे होते। 8. हिम्मतवाला – पहले तो वो खड़ा था गांधी की तरह, फिर मुझे झाड़ दिया आंधी की तरह, और ये तुम्हारे पहलवान सब गिर गए माचिस की कांधी की तरह। 9. राजा नटवरलाल– खीचे हुए कान से मिला हुआ ज्ञान, हमेशा याद रहता है। 10. हेरा फेरी– उठा ले रे बाबा उठा ले, मेरेको नहीं रे बाबा इन दोनों को उठा ले।
आपको बता दें कि परेश रावल को तीन बार फिल्म फेयर अवॉर्ड (Filmfare Award) से सम्मानित किया जा चुका है। साल 1993 में आई फिल्म ‘सर’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था। इसके बाद साल 2000 में आई फिल्म ‘हेराफेरी’ और 2003 में ‘आवारा पागल दीवाना’ के लिए भी उन्हें सर्वश्रेष्ण हास्य अभिनेता के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था।