1950-60 के दशक में बॉलीवुड को विश्व मानचित्र पर पहचान दिलाने का श्रेय भी गुरुदत्त को ही जाता है। लेकिन अपनी जिंदगी के पैमाने पर वो खरे नही उतर सके। उनकी जिंदगी दो राहों पर जाने के बाद हमेशा भटकती रही। उन्होनें फिल्मइंडस्ट्री की मशहुर गायिका गीता रॉय से शादी की थी इनकी पहली मुलाकात फिल्म ‘बाज़ी’ के सेट पर हुई थी। फिर यह मुलाकात शादी के बंधन में बंध गई। गुरुदत्त के परिवार को भी गीता बहुत पसंद थी, इसलिए जल्द ही ये दोनों शादी के बंधन में बंध गए। लेकिन उनकी जिंदगी में दरार तब आने लगी जब फिल्म ‘प्यासा’बनने के दौरान गुरुदत्त वहिदा रहमान के दीवाने होने लगे। और वहीदा रहमान से बढ़ती नजदीकियां ही दोनो के बीच की दूरियों को बढ़ाने का कारण बनी। फिर एक वक्त ऐसा आया जब गुरुदत्त और वहीदा के रिश्ते की वजह से गीता ने उनका घर हमेशा के लिए छोड़ दिया था। और लंदन में जाकर रहने लगीं।
इसी बीच गुरु दत्त को पता चला कि गीता का संबध किसी पाकिस्तानी पुरुष के साथ है और वह उसी के साथ वक्त बिता रही हैं। यह बात सुनकर गुरु दत्त को काफी धक्का लगा। फिर क्या था गुरु दत्त ने वहीदा को छोड़ दिया। गुरु दत्त ने वहीदा को इसलिए छोड़ा क्योकि वो चाहते थे की गीता उस पराए मर्द को छोड़कर वापस उनके पास चली आएं, लेकिन ऐसा कुछ भी नही हुआ।
कहते है वो अपनी पत्नि के साथ रहना चाहते थे जिसके लिए उन्होनें आखिरी वक्त में अपनी पत्नी गीता को फोन करने लौट आने के लिए कहा। लेकिन फोन पर हुए झगड़े के बाद 9 अक्तूबर की देर रात गुरुदत्त ने खाना खाया। और रात को उऩ्होनें शराब के नशे में नींद की ओवरडोज गोलियां खा लीं जिसके चलते वो हमेशा के लिये दुनिया को अलविदा कह गए।