6 साल तक नहीं की दोनों ने बात
हंसल मेहता ने हफिंग्टन पोस्ट इंडिया से बातचीत में बताया,’करीब 20 साल पहले मनोज और मैंने एक फिल्म की थी ‘दिल पे मत ले यार’। वह मेरे अच्छे दोस्तों में से है, लेकिन इस मूवी की शूटिंग के दौरान हमारी लड़ाई हो गई। 6 साल तक हम दोनों ने एक-दूसरे से बात नहीं की। संबंध इतने खराब हो गए थे कि कहीं एक-दूसरे से टकराते तो ऐसे आंखें फेर लेते जैसे देखा ही नहीं। फिर एक बार हम ‘दस कहानियां’ मूवी के सिलसिले में संजय गुप्ता के घर मिले। मुझे उनसे प्रोफेशनली बात करनी पड़ी। शूटिंग के बाद हम दोनों ड्रिंक्स के लिए बाहर मिले। एक-दूसरे के पास बैठे। तब हमें आश्चर्य हुआ कि हम दोनों ने इतने वर्षों बात क्यों नहीं की। हुआ कुछ नहीं था, एक बेवकूफी भरी लड़ाई थी।’
गलतफहमी थी वजह
हंसल आगे बताते हैं कि उन्हें याद नहीं है कि किस बात का लेकर झगड़ा हुआ था, लेकिन यह जरूर पता है कि वह एक गलतफहमी थी। एक दिन मनोज जब अमरीका में थे, उन्होंने किसी चीज को लेकर हंसल पर चिल्लाना शुरू कर दिया। हंसल ने भी उन पर चिल्लाना शुरू कर दिया और फोन रख दिया। इसके बाद दोनों ने वर्षों बात नहीं की।
साथ में की ‘अलीगढ़’
इसके बाद जब उनमें बातचीत शुरू हुई तो 2015 में ‘अलीगढ़’ मूवी बनी, जिसमें मनोज बाजपेयी ने शानदार लीड रोल अदा किया। हंसल कहते हैं कि अगर हम बात नहीं करते, तो अलीगढ़ कैसे बनती।
‘कंगना निर्देशकों को भी निर्देश देती थी’
इस बातचीत में हंसल ने कंगना रनौत के साथ 2017 में की गई मूवी ‘सिमरन’ का भी जिक्र किया। हंसल बताते हैं कि कंगना अच्छी कलाकार हैं, लेकिन सेट पर काफी चीजों को कंट्रोल करने लगती थीं। वह दूसरे निर्देशकों को भी निर्देश देने लगती थीं। फिल्म रिलीज होन के बाद खास कारोबार नहीं कर पाई और उन्हें पैसों की भी दिक्कत हुई। मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ा। हालांकि कंगना को लेकर उनके मन में कोई नाराजगी नहीं है। वे कहते हैं कि हो सकता है वे फिर से साथ काम करें।