बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘शोले’ में सांभा का किरदार निभाकर फेमस होने वाले अभिनेता मैक मोहन के डायलॉग आज भी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उनका असली नाम मोहन माकीजनी था। रिश्ते में एक्टर रवीना टंडन के मामा लगते थे। एक्टर ने अपने करियर में करीब 200 फिल्मों में काम किया। इस दौरान उन्होंने साइड विलन के रोल प्ले किए।
शोले फिल्म के बारे में कहा जाता है कि उसके हर एक किरदार ने दर्शकों के बीच खासी पॉपुलैरिटी हासिल की। इसी में से एक नाम था सांभा का। गब्बर का वफादार। सिर्फ इसी रोल ने मैकमोहन को देशभर में पहचान दिला दी।
बता दें कि मैक मोहन के पिता भारत में ब्रिटिश आर्मी में कर्नल थे। लेकिन मैक को बचपन से क्रिकेटर बनने का शौक था। उन्होंने उत्तर प्रदेश की क्रिकेट टीम के लिए खेला भी था। लेकिन अचानक उनकी लाइफ में एक ऐसा मोड़ा आया कि वे अभिनेता बनने के लिए मुंबई चले आए। उन दिनों शौकत कैफी को अपने नाटक के लिए एक दुबले-पतले शख्स की जरूरत थी। मैक के किसी दोस्त उन्हें इसके बारे में बताया। मैक को भी उन दिनों पैसे की जरूरत थी। वे शौकत के पास नाटक में काम मांगने पहुंच गए और यहीं से उनका एक्टिंग करियर शुरू हुआ।
उन्होंने बॉम्बे के फिल्माया स्कूल ऑफ एक्टिंग से अभिनय की तालीम ली। फिर चेतन आनंद के असिस्टेंट के तौर पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। मैक मोहन डॉन, कर्ज, सत्ते पे सत्ता, जंजीर, रफूचक्कर, शान, खून पसीना जैसी कई फिल्मों में भी शानदार काम करते हुए नजर आए लेकिन जो शोहरत उन्हें ‘शोले’ से मिली, उसी ने उन्हें अमर कर दिया। फिल्म ‘शोले’ में सांभा यानी मैक मोहन ने सिर्फ एक ही संवाद बोला है और वह है ‘पूरे पचास हजार।’
दरअसल, इस फिल्म के शुरुआत में उनका किरदार थोड़ा लंबा था, एडिटिंग होने के बाद सिर्फ तीन शब्द ही बचे। मैक ने फिल्म ‘शोले’ को एडिट होने के बाद जब देखा तो वे बहुत निराशा हुए थे। एक इंटरव्यू के दौरान मैक मोहन ने बताया, ‘जब मैंने शोले फिल्म देखी तो मैं रोने लगा। फिल्म खत्म होते ही मैं सीधे निर्देशक रमेश सिप्पी के पास गया और उनसे बोला कि मेरा इतना थोड़ा सा रोल भी क्यों रखा? आप चाहते तो इसे भी हटा ही देते। इसपर उन्होंने कहा कि अगर यह फिल्म हिट हुई तो दुनिया मुझे सांभा के नाम से जानेगी और हुआ भी ऐसा ही।
एक्टर मैक मोहन ने हिंदी फिल्मों के अलावा भोजपुरी, गुजराती, हिरियाणवी, मराठी और पंजीबू फिल्मों में काम किया। वो एक ऐसे एक्टर थे जिन्होंने अपने नाम ‘मैक’ से कई फिल्मों में रोल किए। मैक मोहन ने साल 1986 में शादी की थी। मैक मोहन की दो बेटियां मंजरी माकीजनी और विनती माकीजनी और एक बेटा विक्रांत माकीजनी है।
मैक मोहन की दोनों बेटियां फिल्मी दुनिया से जुड़ी हैं। हांलाकि उनके बच्चे पिता जैसी सफलता नहीं दोहरा पाए। मैक मोहन की बड़ी बेटी हैं मंजरी माकीजनी। मंजरी राइटर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं। उन्होने ‘द लास्ट मार्बल’ और ‘द कॉर्नर टेबल’ जैसी शॉर्ट फिल्में बनाई हैं। मंजरी शादीशुदा हैं। उनके हसबेंड भी फिल्म बिज़नेस से ही जुड़े हैं। मंजरी अपने पति के साथ कैलिफोर्निया में रहती हैं। हांलाकि उनका मुंबई में भी आना-जाना लगा रहता है। शादी के बाद भी वह अपनी मां और छोटे भाई बहन से बेहद जुड़ी हैं।
मैक मोहन की दूसरी बेटी का नाम है विनती माकीजनी। विनती भी एक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर हैं। साल 2010 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘माई नेम इज़ खान’ के आर्ट डिपार्टमेंट में भी शामिल थीं। विनती सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। वह अपने परिवार की तस्वीरें अक्सर सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं।
मैक मोहन के बेटे के नाम है विक्रांत। विक्रांत ने मंजरी की फिल्म ‘द लास्ट मार्बल’ में भी काम किया था। विनती अपने भाई विक्रांत की तस्वीरें भी इंस्टाग्राम पर शेयर करती हैं। जिनमें वह अपने भाई पर प्यार लुटाती दिखती हैं।
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मैक मोहन के बेटे के नाम है विक्रांत। विक्रांत ने मंजरी की फिल्म ‘द लास्ट मार्बल’ में भी काम किया था। विनती अपने भाई विक्रांत की तस्वीरें भी इंस्टाग्राम पर शेयर करती हैं। जिनमें वह अपने भाई पर प्यार लुटाती दिखती हैं।
मैक मोहन ने ‘हकीकत’ से 1964 में फिल्मी सफर की शुरुआत की थी। सभी फिल्मों में उनके विलेन के किरदार ने फैंस को खूब आकर्षित किया। एक्टर की लास्ट फिल्म थी अजय देवगन की ‘अतिथि तुम कब जाओगे’। इस फिल्म की शूटिंग की शुरुआत में ही एक्टर को पता चला कि वे कैंसर से पीड़ित हैं। साल 2010 तक की मई तक वो हॉस्पिटल में एडमिट रहें। 10 मई 2010 को उन्होंने अंतिम सांस ली।
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