अरबाज ने पहुंचाई ऑडियंस तक आवाज
ममता ने कहा,’मैं अरबाज खान का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं कि उन्होंने फिल्म ‘दबंग’ के लिए मेरी आवाज पास की। सलमान का भी काफी सहयोग रहा। वहीं साजिद-वाजिद का मेरे सुरों को अपनी धुन पर सजाने के लिए आभार। सलमान सहित ‘दबंग 3′ की टीम काम के मामले में इतनी माहिर है कि उनसे मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है।’
मैं दिल से एकदम देसी हूं
‘मुन्ना बदनाम’ जैसे सॉन्ग गाने को लेकर ममता ने कहा-मुझे उस समय बहुत खुशी होती है जब किसी देसी गाने की बात सामने आती हैं। मुझे ऐसे गाने बहुत पसंद हैं, क्योंकि हिंदुस्तान में जो इंसान जमीन से जुड़ा हो और वह अपने दिल से गा रहा हो तो लोगों को ज्यादा पसंद आता है। मैं दिल से देसी हूं और मेरी आवाज भी देसी है। शायद इसलिए मुझे ‘मुन्नी बदनाम’, ‘फेविकोल से’ और ‘मुन्ना बदनाम’ जैसे सॉन्ग गाने का मौका मिला है।
पुराने गानों के इर्द-गिर्द ही चुनें मुखड़ा
पुराने गानों के रीमेक वर्जन बनाने को लेकर सिंगर ममता का कहना है कि गाना रीक्रिएट करने से पहले ओरिजिनल गाने के बोल यानी मुखड़े के इर्द-गिर्द ही बनना चाहिए। क्योंकि दो गानों की मिक्सिंग से एक नया सॉन्ग बनेगा जो बिल्कुल नया लगेगा। लिरिक्स, कंपोजिशन और रिदम पर ध्यान देने से लोगों तक एक नया गाना पहुंचेगा।
हार्ड वर्क और लक फैक्टर जरूरी
बतौर सिंगर बॉलीवुड में एंट्री को लेकर ममता ने कहा कि इसके लिए आपको हार्ड वर्क करना जरूरी है और लक फैक्टर का भी बड़ा योगदान होता है। जब मैं पहले शो करती थी तो उस दौरान एक वेडिंग फंक्शन में मेरी मुलाकात जतिन ललित से हुई और उन्होंने अपने स्टूडियो बुलाया। हालांकि, मैंने उनसे दो साल तक मुलाकात नहीं की, लेकिन जब उन्हें फोन किया तो मुझे स्टूडियो बुलाया, जहां कुछ गानों को डब किया। इसके 2-3 महीने बाद ही मुझे ‘दबंग’ में गाने का मौका मिला।