इस बॉडी पार्ट को लेकर 65 हजार बार सोचने के बाद Anshula Kapoor ने शेयर की वीडियो, बताई बड़ी वजह
ईशा ने आगे बताया कि ‘मैंने अपनी पसंद के लिए खुद को ही दोष देना शुरू कर दिया. मुझे लगा कि अब ये खत्म हो गया है और मेरे पास काम नहीं होगा, लेकिन फिर मैंने काफी समय बाद खुद को संभाला और काम करती रही और पैसा कमाती रही. फिर एक समय ऐसा आता है कि आपको एहसास होता है यही जिंदगी है. अपने रंग के बारे में बात करते हुए ईशा ने बताया कि ‘मेरे साथ ऐसे एक ब्रांड कॉन्ट्रैक्ट के दौरान हुआ था. वे मेरी और मेरी एक्स-एजेंसी की गलती थी. हमने ठीक से कॉन्ट्रैक्ट को पढ़ा नहीं, जिसमें कहा गया था कि व्हाइटनिंग और ब्राइटनिंग प्रोडक्ट्स’.
ईशा ने इस बारे में आगे बताया कि ‘अगर मैं अपने चेहरे पर खीरा लगाऊं या रोज सही खाना खाऊं तो मेरे चेहरे की चमक पर फर्क पड़ेगा, लेकिन ब्रांड ने मुझ पर मुकदमा करने का फैसला किया क्योंकि मैं रंग को गोरा करने वाले उनके चीजों का स्पोर्ट करने के लिए तैयार नहीं थी. तब मुझे फिर एर बार एहसास हुआ कि हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां ये समस्या है. कुछ लोगों की मानसिकता है जहां हम गोरे लोगों को ऊपर समझते हैं. वहीं अमेरिकी इससे लड़ रहे हैं. उन्हें लगता है कि जो सांवले रंग का है वो गुलाम होने के लिए होते हैं और जो गोरे हैं उन्हें भगवान ने शासन करने के लिए बनाया है’.
ईशा ने आगे कहा कि ‘भारत में ये समस्या अभी नहीं से नहीं बहुत पुरानी है. हमारा मानना है कि गोरा रंग बेहतर होता है, गोरी लड़कियां अच्छी होती हैं, गोरे लोग अपना रास्ता बनाते हैं. हम अपने ऐड्स में भी यही सब दिखाते हैं. तुम एक क्रीम लगाओ और लड़का तुम्हें अपना के लिए तैयार हो जाएगा. आप क्रीम लगाएं और आपको ड्रीम जॉब मिल जाएगी, लेकिन जब आप अपनी इंडियन स्कीन की टोन के साथ बिना मेकअप के अपने असली चेहरे के साथ विदेश में या यूरोप जाते हैं तो वहां के लोग कहेंगे कि आप सबसे खूबसूरत हैं’.