एंबुलेंस ड्राइवर शाहनवाज़ ( Ambulance Driver Shahnawaz ) ने बताया कि ‘सुशांत सिंह राजपूत के घर जब वह पहुंचे तो उनके शव नीचे उतरा जा चुका ( Sushant’s Dead body was taken down ) था। सुशांत की बॉड़ी को सफेद रंग के कपड़े में लपेटा ( Sushant’s body was draped in a white colored cloth ) गया था। पुलिस वालों ने उनकी बॉडी की तस्वीरें खींची ( Policemen took pictures of his body ) थी। उन्होंने बस सुशांत के शव को स्ट्रेचर पर लिटाया ( Sushant’s body was laid on a stretcher ) और एंबुलेंस के भीतर ( Was kept inside an ambulance ) रख था। इस दौरान उनके साथ दो लोग और थे। शव को ले जाते हुए पहले कहा गया कि नानावटी अस्पताल ( Nanavati Hospital ) चलना है लेकिन अचनाक से कपूर हॉस्पिटल ( Kapoor Hospital ) चलने को कहा। जिसके बाद वह सुशांत के शव को उठाकर एंबुलेंस में रखने लगे।’ बता दें ड्राइवर का कहना है कि उन्हें लगातार धमकी भरे फोन आ रहे हैं।
सुशांत के शव को ले जाते हुए एंबुलेंस को बदला गया। जिस पर सफाई देते हुए एंबुलेंस के मालिक राहुल (Ambulance owner Rahul ) ने बताया कि 14 जून के दिन जब सुशांत सिंह राजपूत ने खुदखुशी ( Sushant Singh Rajput Commit Suicide ) की थी। उस दौरान वह अपने गांव में मौजूद थे। जिसकी वजह से उनके भाई अक्षय ( Rahul’s brother Akshay ) एंबुलेंस लेकर सुशांत के घर गए थे। जिसके बाद एंबुलेंस कर्मी अभिनेता के शव को स्ट्रेचर पर लिटाकर बिल्डिंग से नीचे लेकर आए। एंबुलेंस में मौजूद व्हीलचेयर में दिक्कत के चलते सुशांत का शव ठीक प्रकार से रखा नहीं ( Sushant’s body was not being properly maintained due to a problem in a wheelchair ) जा रहा था। जिसके कारण राहुल को दूसरी एंबुलेंस के बुलाना पड़ा ( Had to call for a second ambulance ) जिसके बाद फिर सब रवाना हुए।