ए ग्रेड – इस श्रेणी में बड़े बजट की फिल्मों को रखा जाता है। फिल्म के लिए बड़े स्टारों को मोटी फीस दी जाती है। महंगे कपड़े, भव्य सेट्स, नामी संगीतकार फिल्म को बड़े बजट की बना देते हैं। इन्हें बनाने के लिए बेहतर तकनीक और कैमरों का भी इस्तेमाल किया जाता है। ये फिल्में ऐसी होती हैं जिन्हें आप फैमिली के साथ देख सकते हैं।
बी ग्रेड – इस तरह की फिल्में अधिकतर छोटे शहरों में रिलीज होती हैं। बी ग्रेड की फिल्मों में नामी गिरामी कलाकारों की तुलना में ज्यादा चर्चित नहीं होते। सस्ती, तकनीक और फीस से तैयार की जाती है ऐसी फिल्में। फिल्मों का बजट बहुत कम होता है और स्क्रिप्ट कुछ खास नहीं होती, पूरी फिल्म अश्लीलता के साथ परोसी जाती है।
सी ग्रेड – इस ग्रेड की फिल्मों का बजट बी ग्रेड की फिल्मों से भी कम होता है। भले ही दर्शक बी ग्रेड की फिल्मों के कुछ कलाकारों को जानते होंगे लेकिन सी ग्रेड की फिल्मों में काम करने वाले कलाकार बिल्कुल अंजान होते हैं। इनकी प्रोडक्शन वैल्यू एकदम निचले स्तर की होती है। कभी-कभी इनकी स्क्रिप्ट ही समझ नहीं आती है। यह फिल्में बी ग्रेड की फिल्मों से छोटी होती हैं। आमतौर पर ए ग्रेड की फिल्म नब्बे से दो घंटे, बी ग्रेड की फिल्में सत्तर से अस्सी मिनट जबकि सी ग्रेड की फिल्में पैंतालीस मिनट तक की होती हैं।