बता दें कि बप्पी दा का निधन 15 फरवरी को रात 11:45 बजे के आस-पास हुआ था। अगले दिन यानी बुधवार को उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका, क्योंकि उनके बेटे बप्पा लाहिड़ी अमेरिका में थे और वे बुधवार देर रात ही मुंबई पहुंचे हैं। अपने पिता को अंतिम विदाई देने के लिए बेटी श्मशान घाट पहुंची। उनकी बेटी रीमा फूट-फूट कर रो पड़ी। बेटे बप्पा और दामाद गोविंद बंसल की आंखों में भी आंसू थे। बप्पी दा की पत्नी चित्राणी का भी रो-रोकर बुरा हाल था।
बप्पी दा का पार्थिव शरीर फूलों से सजे एक ट्रक से श्मशान घाट लाया गया। श्मशान भूमि पहुंचने पर ‘डिस्को डांसर’ फिल्म के डायरेक्टर और बप्पी दा के करीबी दोस्त बब्बर सुभाष मौजूद थे। फिल्म इंडस्ट्री की दिग्गज हस्तियां श्मशान भूमि पहुंचीं और उन्होंने बप्पी दा के दर्शन कर अंतिम प्रणाम किया। वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू थे।
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आज भले हीं बप्पी लहरी अपने प्रशंसकों के बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संगीत हमेशा प्रशंसकों को झूमने पर मजबूर करता रहेगा। उन्होंने बहुत से गानों को स्वयं अपनी आवाज दी। दो साल पहली आई फिल्म बागी-3 का गाना ‘भंकस’ उनका आखिरी गीत रहा। बप्पी लहरी को देश में पॉप कल्चर लाने के लिए जाने गए। हिंदी संगीत में पॉप मिश्रण करने के कारण उन्हें भारी विरोध का भी सामना करना पड़ा। कई लोगों ने उनके संगीत को फूहड़ भी कहा, लेकिन बप्पी लहरी ने उनकी बातों को दिल से नहीं लिया और अपने काम में लगे रहे। आज उनके गीत हर किसी की जुबान पर हैं और डीजे व पार्टियों की शान हैं।