कभी हनी सिंह के पीछे गाने वाले दिलजीत दोसांझ कैसे बने ‘किंग ऑफ़ पंजाबी फ़िल्म्स’ ? जानें पूरा सफर
दिलजीत का असली नाम दलजीत सिंह था । जब वह थोड़े पॉपुलर होने लगे, तो उन्होंने अपना नाम बदल कर दिलजीत कर लिया था। इसके साथ ही वे अपने नाम के आगे अपने गांव दोसांझ कलां का नाम लगाया। ऐसे उनका नाम दिलजीत दोसांझ हो गया।
नई दिल्ली। बीते दो दिनों से ट्विटर पर एक नाम लगातार ट्रेंड हो रहा है। ये नाम है पंजाबी म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री के बादशाह दिलजीत दोसांझ का। 36 साल के दिलजीत दोसांझ पहली बार इस तरह की चर्चा में आए हैं। वे सोशल मीडिया पर अपने नए गाने या फ़िल्म से जुड़े पोस्ट ही करते हैं। लेकिन इस बार वे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर ख़ासे सक्रिय हैं और उससे जुड़े वीडियो और फ़ोटो डाल रहे हैं।बीते दिनों उनकी इसी मुद्दे पर कंगना रानौत से बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई की सारी मर्यादें पार हो गई।
क्या है मामला? दरअसल, कुछ दिनों पहले कंगना रनौत ने महिंदर कौर नाम की एक बुजुर्ग महीला की तस्वीर डालते हुए लिखा था कि टाइम मैंगज़ीन की 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में आने वालीं दादी 100 रुपये में किसानों के विरोध प्रदर्शनों के लिए उपलब्ध हैं।
इसके बाद दिलजीत दोसांझ ने एक वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया जिसमें महिंदर कौर कंगना रनौत को जवाब दे रही हैं। दिलजीत ने कंगना रनौत को टैग करते हुए उन्हें महिंदर कौर की बात का जवाब देने के लिए कहा। लेकिन ये बात कंगना को पसंद नहीं आई वे उन्हें भला बुरा कहने लगी। देखते ही देखते दोनों ने एक-दूसरे के लिए ‘किसी का पालतू’ होने जैसे शब्द भी इस्तेमाल करने लगे। सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोग दिलजीत के पक्ष में आ गए।
कौन हैं दिलजीत? दिलजीत दोसांझ ख़ुद किसान परिवार से आते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनका बचपन आर्थिक दिक़्क़तों के बीच गुज़रा है। इतना ही नहीं पैसे की तंगी की वजह से उन्होंने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी थी। दिलजीत दोसांझ ने सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की है। दिलजीत को बचपन से गाने का शौक़ था और वो गुरुद्वारे में गुरबानी कीर्तन किया करते थे। पैसों के लिए वे लोकल फंक्शन आदि में गाते रहते थे।
बहुत कम लोग जानते हैं कि दिलजीत का असली नाम दलजीत सिंह था । जब वह थोड़े पॉपुलर होने लगे, तो उन्होंने अपना नाम बदल कर दिलजीत कर लिया था। इसके साथ ही वे अपने नाम के आगे अपने गांव दोसांझ कलां का नाम लगाया। ऐसे उनका नाम दिलजीत दोसांझ हो गया।
किसान आंदोलन के बाद हैदराबाद चुनाव पर बोलीं कंगना- भाजपा अपने आलोचकों के दिलों पर राज कर रही हैकैसे बने ‘किंग ऑफ़ पंजाबी फ़िल्म्स’ दिलजीत दोसांझ ने गाने की शुरूआत अपने गांव के गुरुद्वारे से से की था। वे यहां कीर्तन गाते थे और वहीं से उन्हें गाने का शौक चढ़ा। बाद में पंजाबी और फिल्मी गाने भी शुरू कर दिए। साल 2004 में उनक पहला पंजाबी म्यूज़िक एलबम ‘इश्क द उडा अदा’ आया, जो फ्लॉप रहा। इसके बाग साल 2011 में आई उनकी पहली फिल्म ‘द लॉयन ऑफ पंजाब’ भी फ्लॉप रही।
लेकिन फिर उनका गाना आया ‘लख 28 कुड़ी दा’ जो इतना हिट हुआ कि दिलजीत छा गए। हालांकि इस गाने में मेन सिंगर हनी सिंह थे, दिलजीत इस गाने में उनके पीछे गाते थे।
बता दें दिलजीत दोसांझ साल 2016 में ‘उड़ता पंजाब’ फ़िल्म में अपनी भूमिका के कारण भी चर्चा में आए थे। फिल्म लोगों को खूब पसंद आई थी, इसमें उन्होंने करीना कपूर और शाहिद कपूर जैसे बड़े स्टार्स के साथ काम किया था। इसके अलावा भी वे कई फिल्म में काम कर चुके हैं। पंजाब के लोग उन्हें ‘किंग ऑफ़ पंजाबी फ़िल्म्स’ के नाम से बुलाते हैं। इसके अलावा उनके फैन उन्हें ‘अर्बन पेंदु’ भी बुलाते हैं। अर्बन का मतलब शहरी और पेंदु का मतलब पिंड (गांव), यानी लोग उन्हें शहरी और देहाती का मिश्रण बताते हैं।