मकान मालिकों को समन 18 मई को
जीओ न्यूज से बातचीत में खैर पख्तूनख्वाह पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के निदेशक डा अब्दुल समद ने बताया कि दोनों मकानों का स्वामित्व लेेने के बाद जीर्णेद्धार का काम शुरू हो पाएगा। डिप्टी कमिश्नर ने दोनों मकान मालिकों को अंतिम नोटिस भेज दिया है। मकान मालिकों को 18 मई को समन भेजा जाएगा। वे अपनी आपत्ति खैबर पख्तूनख्वाह सरकार या कोर्ट में दाखिल कर मकान की कीमत बढ़ाने की गुजारिश कर सकते हैं। पहले राज कपूर के घर की खरीद कीमत डेढ़ करोड़ रुपए और दिलीप कुमार के घर की कीमत 80 लाख रुपए फिक्स किए गए थे। हालांकि दिलीप कुमार के घर के मालिक गुल रेहमान मोहम्मद ने सरकार से कहा था कि इसकी कीमत मार्केट रेट के हिसाब से 25 करोड़ होनी चाहिए। राज कपूर की हवेली के मालिक अली कादिर ने 200 करोड़ रुपए की मांग की थी।
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घरों को म्यूजियम बनाने का फैसला
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पेशावर में मौजूद दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक घरों पर वर्तमान किसी और का कब्जा है। वे लोग इन घरों को बेचना नहीं चाहते थे। जबकि वहां की सरकार ने इन घरों को म्यूजियम बनाने का फैसला लिया है। राज्य की सरकार लैंड एक्वीजिशन ऐक्ट 1894 के तहत इन दोनों घरों को अपने कब्जे में लेगी। जल्द ही इन घरों के मालिकों को मुआवजा पेशावर के कमिश्नर दे देंगे।
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गौरतलब है कि राज कूपर का पैतृक घर 1918 से 1922 के बीच बनवाया गया था। ये घर राज कपूर के पिता पृथ्वी राज कपूर ने तैयार करवाया था। यहीं पर राज कपूर का जन्म हुआ था। स्थानीय सरकार ने इस इमारत को राष्ट्रीय हैरिटेज डिक्लेयर किया था। इस इमारत को तोड़कर व्यावसायिक परिसर बनाने की खूब कोशिशें हुईं, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। वहीं, दिलीप कुमार की पैतृक हवेली पृथ्वी राज कपूर की हवेली से महज 5 मिनट के वॉक की दूरी पर है।