बॉलीवुड

Diego Maradona के देहांत के बाद आसिफ कपाडिया की फिल्म ओटीटी पर

माराडोना ( Diego Maradona ) के देहांत के बाद उन पर बनी फिल्म ओटीटी पर होने लगी स्ट्रीम
2 घंटे से लम्बी यह फिल्म भारतीय मूल के आसिफ कपाडिया ( Asif Kapadia ) ने बनाई थी
आसिफ ने इरफान खान को लेकर हिन्दी फिल्म ‘द वॉरियर’ (2001) बनाई थी

Nov 26, 2020 / 06:20 pm

पवन राणा

Diego Maradona के देहांत के बाद आसिफ कपाडिया की फिल्म ओटीटी पर

-दिनेश ठाकुर

फुटबॉल के मैदान में कभी चुस्ती-फुर्ती वाले खेल से तमाम दुनिया को दीवाना बनाने वाले अर्जेंटीना के फुटबॉलर डिएगो अरमांडो माराडोना ( Diego Maradona ) के देहांत के कुछ ही घंटों बाद उन पर बनी फिल्म ‘डिएगो माराडोना’ ( Diego Maradona Movie ) एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम होने लगी। पिछले साल कान फिल्म समारोह में इस फिल्म ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं, क्योंकि माराडोना की शोहरत के उजाले के साथ-साथ यह ईमानदारी से उनकी जिंदगी के काले अध्यायों को भी पढऩे की कोशिश करती है। माराडोना मैदान में जितने तेज-तर्रार, चौकन्ने, जीनियस, असाधारण और अद्भुत थे, मैदान के बाहर नशाखोरी, कपड़ों की तरह प्रेमिकाएं बदलने और हद से ज्यादा गुस्से को लेकर उतने ही बदनाम थे। उनके यह काले-सफेद रूप डॉक्यूमेंट्री शैली की ‘डिएगो माराडोना’ में देखने को मिलते हैं। दो घंटे से लम्बी यह फिल्म लंदन में बसे भारतीय मूल के आसिफ कपाडिया ( Asif Kapadia ) ने बनाई थी। ये वही आसिफ कपाडिया हैं, जिन्होंने इरफान खान ( Irfan Khan ) को लेकर हिन्दी फिल्म ‘द वॉरियर’ (2001) बनाई थी। इसे बाफ्टा अवॉर्ड से नवाजा गया था। ‘द वॉरियर’ ( The Warrior ) का काफी हिस्सा राजस्थान में फिल्माया गया था।

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पेले की भी बन चुकी है बायोपिक
‘डिएगो माराडोना’ से पहले फुटबॉल के एक और बड़े जादूगर ब्राजील के पेले पर हॉलीवुड में ‘पेले – बर्थ ऑफ ए लीजेंड’ (2016) नाम से बायोपिक बन चुकी है, जिसमें ए.आर. रहमान ( A R Rahman ) का संगीत है। सहजता, गहराई और टोटल ट्रीटमेंट के लिहाज से पेले पर बनी फिल्म ‘डिएगो माराडोना’ से मात खाती है। खिलाडिय़ों की बायोपिक बनाना आसान नहीं है। जब मामला पेले और माराडोना जैसे लीजेंड खिलाडिय़ों का हो तो मुश्किल और बढ़ जाती है। ऐसी फिल्मों की लागत भी एक मसला है। अगर हॉलीवुड की कंपनी फॉक्स स्टार स्टूडियोज का साथ नहीं मिलता, तो भारत में ‘एम.एस. धोनी – द अनटोल्ड स्टोरी’ जैसी फिल्म बनाना आसान नहीं होता। यह करीब 100 करोड़ रुपए में तैयार हुई थी। कपिल देव की बायोपिक ’83’ की लागत 125 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है।

भारत में ‘दंगल’ ने खोले रास्ते
भारत में खिलाडियों की बायोपिक को कभी घाटे का सौदा माना जाता था, लेकिन कुश्ती के खिलाड़ी महावीर सिंह फोगट और उनकी बेटियों गीता-बबीता की बायोपिक ‘दंगल’ ने ऐसी फिल्मों के लिए नए रास्ते खोल दिए। करीब 70 करोड़ रुपए की लागत वाली यह फिल्म दुनियाभर में सबसे ज्यादा कमाई (2,204 करोड़ रुपए) करने वाली पहली भारतीय फिल्म है। खिलाडियों के किस्सों को अगर पर्दे पर सलीके से पेश किया गया है, तो कामयाबी में शक की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। जमाना जिन्हें पलकों पर बैठाता है, उनके किस्से शौक से सुनना चाहता है।

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खिलाडिय़ों पर कुछ और फिल्मों की तैयारी
‘पानसिंह तोमर’, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘मैरी कॉम’ और ‘गोल्ड’ के बाद कुछ और भारतीय खिलाडियों की बायोपिक बन रही हैं। शूटर अभिनव बिंद्रा की बायोपिक में हर्षवर्धन कपूर शीर्षक किरदार में नजर आएंगे, तो दूसरी बायोपिक में श्रद्धा कपूर बेडमिंटन स्टार साइना नेहवाल का किरदार अदा करेंगी। तापसी पन्नू को लेकर कच्छ की धावक रश्मि रॉकेट पर इसी नाम से फिल्म बन रही है। इस साल के शुरू में खबर आई थी कि हॉकी के जादूगर ध्यानचंद पर भी बायोपिक की तैयारी है। कोरोना काल में इस तैयारी की प्रगति का इंतजार है।

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