जब दोनों ने शादी का फैसला लिया था उस समय सैफ अली खान 21 साल के थे और अमृता सिंह 33 साल की थी। इसके अलावा दोनों के बीच एक और बड़ा अंतर था और वो ये था कि उस दौर में अमृता सिंह इंडस्ट्री में जानी-मानी एक्ट्रेस में से एक थीं। उनको बड़े-बड़े स्टार्स और प्रोडक्शन हाउस जाना करते थे, लेकिन सैफ अली खान काम की तलाश कर रहे थे और इंडस्ट्री में फिल्मों के लिए अपने ऐडिया रगड़ रहे थे, लेकिन अमृता सिंह से शादी के बाद अचानक से सैफ अली खान की किस्मत पर लगा ताला खुल गया।
ऐसा माना जाता है कि इंडस्ट्री की टॉप एक्ट्रेस में शुमार अमृता सिंह से शादी के बाद सैफ अली खान की झोली में कई हिट फिल्में आने लगी थीं। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि सैफ अली खान के करियर को शादी के बाद एक नई उड़ान मिली। अमृता सिंह का फिल्मों में होना ही सफलता की गारंटी माना जाता था और ऐसे में जब अमृता सिंह का नाम सैफ अली खान के साथ जुड़ा तो उनका करियर भी उड़ान भरने लगा। बताया जाता है कि सैफ अली को शादी के बाद ही फिल्में ऑफर होने लगी थीं।
दोनों की शादी साल 1991 में हुई थी और शादी के बाद ही उन्हें यशराज बैनर की परंपरा फिल्म ऑफर हुई, जो 1993 में रिलीज हुई। सैफ अली खान ने अपने करियर की शुरूआत फिल्म ‘परंपरा’ से की थी. इसके बाद उनको ‘ये दिल्लगी’ और ‘मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी’ में काम करने का मौका मिला। उनकी ये दोनों फिल्में हिट रहीं और वो रातों रात सुपरस्टार बन गए। बस इसके बाद सैफ को कभी भी पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन जहां सैफ का करियर आगे बढ़ा तो वहीं अमृता करियर में नीचे आती गईं।
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बता दें कि अमृता सिंह ने शादी के बाद कुछ एक साल तो काम किया लेकिन उनका ज्यादा ध्यान परिवार की तरफ हो गया। वो घर परिवार में ऐसी उलझी की ग्लैमर वर्ल्ड से धीरे-धीरे दूर होती गईं। बेटी सारा अली खान के जन्म के बाद तो उन्होंने फिल्मों को अलविदा ही कह दिया। आज जहां सैफ इंडस्ट्री के टॉप एक्टर हैं तो वहीं अमृता फिल्मों में मां की भूमिकाओं में नजर आ रही हैं। दोनों का तलाक हो चुका है और दोनों अपनी-अपनी जिंदगी में खुश हैं। यह भी पढ़ें