आज हम भी आपको उनसे जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा बताने जा रहे हैं. ये उनके संघर्ष के दिनों के बात है. धर्मेंद्र मशहूर डायरेक्टर बिमल रॉय (Director Bimal Roy) से काम मांगने गए थे, जब बतौर हीरो उनकी फिल्म ‘शोला और शबनम’ की 4 रीलें तैयार हो गई थीं तब धर्मेंद्र ने बिमल रॉय को फिल्म देखने की रिक्वेस्ट की जिसे उन्होंने मान भी लिया, लेकिन फिल्म ‘शोला और शबनम’ के डायरेक्टर ने उन 4 रीलों को दिखाने से इनकार कर दिया तब धर्मेंद्र ने किसी तरह फिल्म के एडिटर अनंत आप्टे को पटाकर बिमल रॉय को वो चार रीलें दिखवा दीं.
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इसके बाद बिमल रॉय ने धर्मेंद्र को अपनी फिल्म ‘बंदिनी’ (Bandni) में काम करने का मौका दिया. इसके बाद धर्मेंद्र को फिल्म निर्देशक बिमल रॉय की ज्यादातर फिल्मों में काम करने का मौका मिला. उनकी फिल्में सफल होने लगी और वे हिंदी सिनेमा के स्टार बन गए. कई सालों बाद बिमल रॉय ने धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) को लकेर फिल्म ‘चैताली’ (Chaitali) की शुरुआत की, लेकिन फिल्म की आधी ही शूट हो पाई थी कि बिमल रॉय का निधन हो गया. वहीं उनकी पत्नी उनके इस आखिरी और अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें किसी का साथ नहीं मिला. शर्मिला टेगौर ने भी इस फिल्म को छोड़ दिया था. इसके ये बात धर्मेंद्र को पता चली कि पैसों की तंगी के चलते ये फिल्म पूरी नहीं हो पा रही है तो एक दिन वो बिमल रॉय के घर पहुंचे. ऐसे अचानक से धर्मेंद्र को अपने घर में देखकर बिमल रॉय की पत्नी को लगा कि वे भी दूसरों की तरह अपना पैसा लेने आए हैं, लेकिन धर्मेंद्र ने उनसे कहा कि ‘बिमल दा के मुझ पर बहुत एहसान हैं, आज मुझे मौका मिला है कि उन्हें चुकाने का’.
ये कहकर धर्मेंद्र ने साथ में लाया ब्रीफकेस खोल दिया जो नोटों से भरा था. इस तरह से बिमल रॉय की अधूरी फिल्म बनी. बता दें कि धर्मेंद्र के कहने पर एक्ट्रेस सायरा बानों इस फिल्म में काम करने के लिए तैयार हो गई. साथ ही इस फिल्म को बाद में ऋषिकेश मुखर्जी ने डायरेक्ट किया. फिल्म को काफी पसंद भी किया गया था.