एक बार शूटिंग के दौरान क्या हुआ कि वो बिना सोचे-समझे तेंदुए के सामने कूद गए। उस दिन धर्मेंद्र का जन्मदिन भी था यानी की उस दिन 8 दिसंबर था। धर्मेंद्र ने बताया, “जट लोगों के गट्स ज्यादा काम कर जाते हैं, ब्रेन कम काम करता है। मेरे साथ एक बार ऐसा हुआ था, दरअसल शाम को हमें पैकअप करना था, लेकिन उससे पहले तेंदुए वाले सीन को किया जाना था। 14 फुट का एक गड्ढा था उसमें तेंदुआ गिर गया था, ऊपर की तरफ क्रेन पर कैमरा था। जिसके बाद डायरेक्टर बोला- धर्म जी कूद जाओ। ये बात सुनते ही बिना सोचे समझे कूद गया। मेरे पास उस समय एक स्टिक के आलावा कुछ नहीं था।”
धर्मेंद्र ने आगे बताया, “मैंने देखा की तेंदुए का मुंह खुला हुआ है, तो मैंने उसके मुंह में वह स्टिक डाल दी और कसकर दोनों हाथों से पकड़ ली थी। वो स्टिक को चबाने लगा, जिसके कारण उसके मुंह से खून निकलने लगा था। मैं भी गाली देकर बोल रहा था जल्दी से पिंजरा फेंको, डर से बोल रहा था कि मैं यहां क्यों आ गया। कुछ देर बाद जैसे ही पिंजरा फेंका तो वो उसमें चला गया। इसके बाद मैं किनारे जाकर बैठ गया और सोचने लगा कि आज मेरा जन्मदिन है, मैं आज सबको पार्टी वार्टी देने वाला था। लेकिन आज तो मेरा ही बर्थडे मन गया था।”
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धर्मेंद्र ने आगे बताया, “मैंने देखा की तेंदुए का मुंह खुला हुआ है, तो मैंने उसके मुंह में वह स्टिक डाल दी और कसकर दोनों हाथों से पकड़ ली थी। वो स्टिक को चबाने लगा, जिसके कारण उसके मुंह से खून निकलने लगा था। मैं भी गाली देकर बोल रहा था जल्दी से पिंजरा फेंको, डर से बोल रहा था कि मैं यहां क्यों आ गया। कुछ देर बाद जैसे ही पिंजरा फेंका तो वो उसमें चला गया। इसके बाद मैं किनारे जाकर बैठ गया और सोचने लगा कि आज मेरा जन्मदिन है, मैं आज सबको पार्टी वार्टी देने वाला था। लेकिन आज तो मेरा ही बर्थडे मन गया था।”
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