दीपिका की कुंडली में तुला लग्न में मंगल, चंद्रमा, केतु, द्वितीय भाव में शनि है। वहीं तृतीय में सूर्य, शुक्र, बुध, चतुर्थ में गुरु और सप्तम भाव में राहु बैठा हुआ है। इधर, लग्न में मंगल केतु के साथ बैठा हुआ है और सप्तम भाव को पूर्ण दृष्टि से देख रहा है। ऐसे में मंगल के साथ केतु मांगलिक प्रभाव को कम कर रहा है। इसके चलते चंद्र कुंडली से भी मंगल प्रथम भाव में ही आएगा। गुरु अष्टम भाव को देख कर लंबी उम्र देगा। सप्तम दृष्टि गुरु की दशम भाव मतलब कर्म भाव पर पड़कर कर्म प्रधान व्यक्तित्व प्रदान करता है।
गुरु की नवम दृष्टि व्यय भाव पर धार्मिक कार्यों में धन के व्यय को दिखाता है। शुक्र तृतीय भाव में धनु राशि में स्थित है। भाग्य भाव को देखकर शुक्र उसको मजबूत कर रहा है। सप्तम राहु में परेशानी आ सकती है। यह थोड़ी परेशानी दे सकता था लेकिन वह मंगल की राशि में है, वहीं कुंडली की और ग्रह स्थितियां बहुत ही मजबूत हैं। शुक्र ग्रह प्रेम और विवाह का कारक है। शुक्र सफल दाम्पत्य जीवन देता है। तृतीय भाव में सूर्य और बुध, बुधादित्य नामक महान राजयोग बना रहे हैं।
कैसा रहेगा वैवाहिक जीवन:
रणवीर सिंह की राशि कुंभ है और दीपिका की राशि तुला है, जो कि वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक अच्छे तालमेल को दर्शाती है। कुंभ राशि का स्वामी शनि है और तुला राशि का स्वामी शुक्र है, जो रणवीर और दीपिका के बीच अंतरंग संबंध को दर्शाते हैं। राशि और राशि स्वामी के प्रभाव से रणवीर और दीपिका के बीच रिश्तों को लेकर एक अच्छी और मजबूत समझ होगी लेकिन सितारों की मानें तो आगे चलकर इन्हें एक-दूसरे के साथ एडजस्ट करने में कुछ परेशानियां भी हो सकती हैं, इसलिए दीपिका और रणवीर को सुखद वैवाहिक जीवन के लिए सामंजस्य बनाकर चलना होगा।